छत्तीसगढ़़ राज्य के विकास में हडको की भूमिका: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन
विवेक कुमार शर्मा1, डाॅ. तपेशचन्द्र गुप्ता2
1सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य), विप्र कला, वाणिज्य एवं शा. शिक्षा महाविद्यालय, रायपुर
2प्राध्यापक (वाणिज्य), शास. जे. वाय. छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर
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शोध अध्ययन में छत्तीसगढ़ राज्य के विकास में हड़को की भूमिका का विश्लेषणात्मक अध्ययन किया गया है। शोध कार्य हेतु हड़को से प्राप्त द्वितीयक समंक का आलेख व सारणियों के माध्यम से विश्लेषण किया गया है। सन 2001 से 2016 तक स्वीकृत आवास एवं अधोसंरचना विकास परियोजनाओं को जारी की गई ऋण की राशि, आवास संख्या ,परियोजना लांगत आदि के अध्ययन से छत्तीसगढ़ राज्य के विकास में हड़को की सकारात्मक भूमिका पाया गया है।
ज्ञम्ल्ॅव्त्क्ैरू छत्तीसगढ़़ राज्य, विकास, हडको
प्रस्तावनाः-
देश का 26वाॅ राज्य छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवम्बर 2000 को हुआ।
अत्यन्त ऐतिहासिक पृष्ठ भूमि वाला छत्तीसगढ़़ का प्राचीन नाम ’दक्षिणकोसल’ था। छत्तीसगढ़़़ का नाम मुख्य गढो की गणना के आधार पर किया गया। उस समय 12 ग्रामों का बरहा और 7 बरहो का एक गढ़ इस आधार पर यहां 36 गढ़ होने के कारण इसका नाम छत्तीसगढ़ ़़पडा। वर्ष 2001 की जनगणना के समय 16 जिले थे, वर्तमान मे 27 जिले है। छत्तीसगढ़़़ वन क्षेत्र की दृष्टि से देश में तीसरे स्थान पर हैं। छत्तीसगढ़़़ राज्य खनिज उत्पादन की दृष्टि से सम्पन्न राज्य है। राज्य की लगभग 80ः जनता कृषि एवं कृषि आधारित उघोग धन्धों पर आश्रित है।
भारत में आवास की मांग व पूर्ति में बढती असमानता और शहरीकरण के विस्तार के साथ भारत में निरन्तर बढती आबादी के परिणाम स्वरूप देश में आवास की गुणात्मक व मा़त्रात्मक कमी आई हैं। अतः देश मे आवास समस्या विशेष कमजोर वर्ग हेतु आवासीय कमी को दूर करने के लिए 25 अप्रैल 1970 को हाउसिंग एण्ड अर्बन डेवलपमेन्ट कार्पाेरेशन लिमिटेड (हडको) की स्थापना भारत सरकार के पूर्णस्वामित्व प्रतिष्ठान के रूपमें की गयी थी। आज हडको के देशमें आवासीय गतिविधि के वित्तपोषण के साथ ग्रामीण व शहरी अधोसंरचना परियोजना के लिए वित्तपोषण की जिम्मेदारी भी हडको की है।
हडको छत्तीसगढ ़़में सन् 2001 से सूर्या अपार्टमेन्ट कटोरा तालाब में स्थित अपने क्षेत्रीय कार्यालय के माध्यम से कार्य कर रही है। राज्य में हडको आवासीय, व्यावसासिक, शहरी अधोसंरचना जैसे जल प्रदाय, विधुतपरियोजना, सडकपरियोजना, परिवहन आदि एवं सामाजिक परियोजनाए जैसे अस्पताल, स्कुल, महाविद्यालय, आदि को वित्तपोषित करके नगरीय बसाहट के आदर्श उपस्थित करना हडको का प्रमुख लक्ष्य है।
उद्देश्यः
छत्तीसगढ ़़राज्य के विकास मे हडको की भूमिका का अध्ययन कर बुनियादी सामुदायिक सुविधाओं में इसके योगदान का मूल्यांकन करना हैं। इस विषय का क्रमबद्ध, तार्किक व व्यवस्थित वर्णन करना या विवरण तैयार करना है। ताकि आवश्यकता नुसार निर्णय एवं क्रियाओं को दिशा दिया जा सके और उपरोक्त शोध पत्र अधिक उपयोगी सिद्ध हों।
परिकल्पनाः
छत्तीसगढ़़ राज्य के विकास में हडको की भूमिका सकारात्मक हैं। समाज के निम्नआय वर्ग को बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास उपलब्ध कराने और शहरी व सामाजिक अधोसंरचना के विकास में हड़को प्रमुख भूमिका निभा रहा है ।
शोध प्रविधिः
प्रस्तुत शोध पत्र मेंहडको के क्षेत्रीय कार्यालय (छत्तीसगढ़़ राज्य) से प्राप्त द्वितीयक समंको का अध्ययन किया गया है, 2001 से 2016 तक हडको के स्वीकृत परियोजनाओं के संमंको का अध्ययन किया गया है। शोध पत्र में एकत्रित तथ्यांेको मुख्य सारणियों में प्रयुक्त किया गया है, व सारणियो के अनुसार ही आलेखों में प्रस्तुत किया गया।
प्राप्त जानकारी और विश्लेषण:
छत्तीसगढ़़ राज्य स्थापना के बाद 2001 से 2016 तक 273 योजनाओं को हडको ने वित्तीय सहायता के लिए स्वीकृति प्रदान की। 273 योजनाओं के स्वीकृत ऋण की राशि 3,0066.11 करोड़़़ रू. है। इसमें से 1,867.28 करोड़़ जारी की गई राशि है। इसमें 1119.37 करोड़़ रू. आवास परियोजनाओं के लिए तथा 747.91 करोड़़ रू अधोसंरचना परियोजनाओं के लिए हैं।
आवास परियोजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:-
हडको ने 1,62,79 आवास निर्माण में सहयोग प्रदान किया हैै। इसमें ई. डबयू. एस. आवास संख्या ग्रामीण 3ः शहरी 36ः कुल 39ः है। एल.आई.जी. आवास संख्या 8ः व अन्य 53ः है। ऋण की राशि का हिस्सा ई. डबयू. एस. 9.07ः , एल. आई. जी. 10ः, व अन्य 80.93ः है।
आवास परियोजना का रेखाचित्र (अप्रैल 2001 से अप्रैल 2016)
ऋण की राशि का रेखाचित्र (अप्रैल 2001 से अप्रैल 2016)
शहरी अधोसंरचना योजनाओं का विवरण:-
छत्तीसगढ़़ में हडको ने कुल 25 अधोसंरचना परियोजनाओं को सहयोग दिया है। जिसमें ऋण की राशि 1,139.47 करोड़़ है।
उक्त तालिका क्रं. 02 के अध्ययन से यह स्पष्ट होता है की हडको के द्वारा संचालित.अधोसंरचना परियोजनाओं मेें सर्वाधिक परियोजना लागत उर्जा (विद्युत उत्पादन) हेतु स्वीकृत कि गयी है क्यों की कुल परियोजना लागत 28,525.06 करोड़़ रू. का 98.08ः इस मद हेतु स्वीकृत है इसी प्रकार योजनाओं हेतु हडको के द्वारा स्वीकृत ऋण का विश्लेषण करे तो यह तथ्य प्रकट होता है की उर्जा (विद्युत उत्पादन) हेतु स्वीकृत ऋण तुलनात्मक रूप से 90.86ः ज्यादा है अतः यह कहा जा सकता है की विद्युत उत्पादन क्षमता में वृद्धि हड़को की सहायता से शासन की विशेष उपलब्धि है।
हडको द्वारास्वीकृत ऋण का रेखाचित्र (अप्रैल 2001 से अप्रैल 2016)
परियोजनालागत का रेखाचित्र (अप्रैल 2001 से अप्रैल 2016)
निष्कर्षः
1. सबको आवास उपलब्ध कराना प्रमुख चुनौती है। हडको इस दिशा में प्रयासरत् है, पर मागं की तुलनामें पूर्ति नगण्य है।
2. छत्तीसगढ़़ मे अधोसंरचना विकास की परियोजना में हडको का योगदान सीमित शहरी क्षेत्र तक है। ग्रामीण अधोसंरचना विकास में हडको की भूमिका नगणय है।
3. हडको का परियोजना की डिजाइनिंग करके परामर्श देने के अपने प्रयासो में उच्चस्तर की निपुणता प्राप्त है। परन्तु स्वीकृत परियोजनाओं में इसका उपयोग नही हो पा रहा हैं।
4. शासकीय अर्द्ध शासकीय और गैर शासकीय संरचनाओं द्वारा प्रस्तुत उत्कर्ष परियोजनाओं परही हडको की सफलता निर्भर है। इन संस्थाओ द्वारा प्रयास में कमी हडको केा अपने लक्ष्य प्राप्त करने मे रोक रहा है।
5. विगत सात वर्षाे में हडको द्वारा छत्तीसगढ़़ में आवासीय अधोसंरचना विकास के लिए जारी राशि में स्थिरता है। जोन ये स्वीकृत परियोजनाओं की कमी को दर्शाती है।
6. शहरी गरीबी बुनीयादी सेवाए हेतु स्वीकृत परियोजनाओं एवं आवासीय संख्या का लगभग 11ःहै।
7. अन्य आवासीय परियोजना हेतु जारी की गई ऋण की राशि ई.डब्यू.एस. आवास के लिए स्वीकृत ऋण की तुलना में ज्यादा है।
सुझ्ाावः
1. शहरी व ग्रामीण गरीबो को आवास सहित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने वाली परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना चाहिए साथ ही इनके रख रखाव के लिए भी प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम चलाना चाहिए।
2. उत्कृष परियोजना हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम हडको को कराना चाहिए। विशेषकर आवास निर्माण में प्रयुक्त सामग्री के लिए उच्चतरीय और उचित न्यूनतम दर पर निर्माण सामग्री उपलब्ध हो सकें।
3. कृषि और औघौगिक कचरे से निर्मित पर्यावरण अनुकूल निर्माण सामग्रियो के प्रयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए।
4. कचरा प्रबंधन और िबजली उत्पादन संबंधित परियोजनाओं केा प्रोत्साहन देना चाहिए।
5. हडको द्वारा आवास, नगरीय विकास संबंधी परियोजनाएं रिपोर्ट, मास्टरप्लान जैसी परामर्श सेवाएं आवश्यकतानुसार उपलब्ध करानी चाहिए।
6. हडकों का मुख्य उद्देश निम्नवर्ग के लिये बुनियादी सुविधाओं के साथ आवास उपलब्ध कराता है अतः निम्नवर्ग जनता हेतु आवासीय परियोनाओं की संख्या बढ़नी चाहिए।
अतः हडको ”सभी के लिए आश्रय“ राष्ट्र का स्वप्न साकार करने को तत्पर है। वित्तीय तकनीकी एवं अन्य सहायता के माध्यम से छत्तीसगढ़़ के आवासीय, शहरी विकास और संबंधित अधोसंरचना के विकास में हडको सकरात्मक भूमिका निभा रहा है।
त्म्थ्म्त्म्छब्म्रू
1. सिहं विरेन्द्र, छत्तीसगढ़ विस्तृत अध्ययन अरिहंत पब्लिकेशन प्रा. लि. , मेरठ।
2. ब्ीवनकींतल च्ण्क्ण्ए त्नतंस ीवनेपदह ध् प्दतिंेजतनबजनतंस चतवइसमउे पद प्दकपंण्
3. विन्दत क्षेत्रपाल, म. प्र., छ.ग. नगर तथा ग्रामनिवेश मैनुअल शहरी विकास हेतु संचालित केन्द्र एवं राज्य प्रवर्तित योजनाएॅ।
4. हडको वार्षिक रिपोर्ट 2001-2016 काॅर्पोरेट प्रोफाईल (हडको 2001-2016) वेबसाइट-ूूूण्ीनकबवण्वतह
5. हडको र्दपण (वार्षिक पत्रिका)।
6. आवास एवं बुनियादी सुविधाओं का प्रचलन एवं असतानताएॅ भारत-2016।
Received on 28.01.2019 Modified on 07.02.2019
Accepted on 20.02.2019 © A&V Publications All right reserved
Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):79-82.