Author(s):
बृजेन्द्र पांडेय, सीमा चंद्राकर
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brijpandey09@gmail.com
DOI:
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Address:
डाॅ. बृजेन्द्र पांडेय1, श्रीमती सीमा चंद्राकर2
1सहा. प्राध्यापक, मानव संसाधन विकास केन्द्र , रविशंकर शुक्ल वि.वि., रायपुर (छ.ग.)
2शोधार्थी , सहा. प्राध्यापक, गुरूकुल महिला महाविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 6,
Issue - 2,
Year - 2018
ABSTRACT:
पं. स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे । उनका व्यक्तित्व, कृतित्व चिंतन और लेखन स्वाभाविक रूप से सबको आकर्षित करता था। त्रिवेदी जी मूलतः कवि और कहानीकार थे परन्तु उन्होने नाटक एवं साहित्य के अन्य विधाओं में भी लेखनी चलाई । उन्होने तीन नाटकों की रचना की उनके नाटको में कथा शिल्प भिन्न - भिन्न है, ये रचनाएॅ मूलतः ऐतिहासिकता, आध्यात्मिकता, राष्ट्रप्रेम, समाज सेवा तथा आंचलिक लोक संस्कृति पर आधारित है। त्रिवेदी जी ने काल और स्थान के अनुरूप भाषा शैली संवाद और चरित्र चित्रण का एक नया रूप प्रस्तुत किया है।
Cite this article:
बृजेन्द्र पांडेय, सीमा चंद्राकर. पंडित स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी के नाटकों का विश्लेषण. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2):103-107.
Cite(Electronic):
बृजेन्द्र पांडेय, सीमा चंद्राकर. पंडित स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी के नाटकों का विश्लेषण. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2):103-107. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-2-1