ABSTRACT:
जनसंख्या तथा आर्थिक विकास के स्तर में प्रत्यक्ष एवं परस्पर घनिष्ठ सम्बन्ध होता है। प्रत्येक देश का उत्पादन स्तर, आर्थिक विकास की दर, राष्ट्रीय तथा प्रतिव्यक्ति आय, देश में उत्पादन क्रियाओं का संचालन, रहन-सहन का स्तर आदि सभी दशाएँ उस देश की जनसंख्या के आकार, गठन एवं वितरण पर निर्भर करती है। मानव ही वह शक्ति है जो इन संसाधनों को अपनी कार्यकुशलता तथा बौद्धिक दक्षता द्वारा वांक्षित दिशा में गतिशील कर इनका अनुकूलतम उपयोग करती है तथा विकास का मार्ग प्रशस्त करती है। इस तरह जनसंख्या एवं आर्थिक विकास दोनों प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से एक दूसरे को प्रभावित करते है। इस प्रकार यह स्पष्ट है कि आर्थिक विकास की दृष्टि से जहां विकसित देशों की भांति ही अल्पविकसित देशों में दृढ़, भौतिक आधार का निर्माण करना आवश्यक है, वहां विकास के राजनैतिक, सामाजिक तथा मनोवैज्ञानिक निर्धारकों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। मानवीय तत्वों की उपेक्षा कर विकास के किसी भी कार्यक्रय को सफल नहीं बनाया जा सकता है।
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नुदरत परवीन. जनसंख्या तथा आर्थिक विकास के निर्धारक तत्व: एक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):179-182.
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नुदरत परवीन. जनसंख्या तथा आर्थिक विकास के निर्धारक तत्व: एक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):179-182. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-32