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रमेश प्रसाद द्विवेदी
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डा रमेश प्रसाद द्विवेदी
निदेशक व पोस्ट डाक्टोरल फैलो श्रीनिवास बहुउद्देशीय संस्था नयनतारा 81 फूलमती ले आउट (जयवंत नगर एन आय टी गार्डेन के पास नागपुर-440027 महाराष्ट्र
Published In:
Volume - 4,
Issue - 3,
Year - 2016
ABSTRACT:
महिला सशक्तिकरण व विकास की स्थिति पर विवेचन से पूर्व हमारे मस्तिष्क में विविध प्रकार के प्रष्न उत्पन्न होते हैं जैसे-भारत में महिला सषक्तिकरणव विकास की स्थिति के अध्ययन की क्या आवष्यकता है? भारतीय महिलाओं की स्थिति के सम्बन्ध में प्रचलित भ्रान्त धारणाएँ क्या है? क्या धारणाएँ भ्रान्त हैं या इनकी अपनी सत्यता भी है? यदि भारतीय समाज में प्रचलित धारणाएँ गलत है, तो समाज में उनकी वास्तविक स्थिति क्या है? इन सभी प्रष्नों का उत्तर देने के लिए हमें भारतीय इतिहास का अध्ययन करना होगा, इसी के माध्यम से भारतवर्ष में महिलाओं की स्थिति का इस मूल्यांकन किया जा सकेगा। आजादी के 67 वर्ष पूरे हो गए हैं लेकिन इन 68 वर्षों में महिलाओं में साक्षरता की दर में भले वृद्धि हो गई हो, उन्हें आर्थिक स्वांवलम्बन भी प्राप्त हो गया हो, किन्तु समाज आज भी उन्हंे दोयम दर्जे की नजर से देखता है। क्या कोई समाज जहाँ
पुरूष और महिला मंे भेदभाव किया जाता है, प्रगति कर सकता है? कदापि नहीं। भारतीय संविधान में उल्लेख किया गया है कि देश में जाति धर्म, लिंग, साम्प्रदाय, आदि के आधार पर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा, किन्तु क्या ऐसा किया जा रहा है? यही एक सच्ची हकीकत है, इसलिए महिलाओं के सषक्तिकरण व विकास की आवष्यकता है।
Cite this article:
रमेश प्रसाद द्विवेदी. भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु प्रयास. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(3): July-Sept., 2016; Page 180-188.
Cite(Electronic):
रमेश प्रसाद द्विवेदी. भारत में महिला सशक्तिकरण हेतु प्रयास. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(3): July-Sept., 2016; Page 180-188. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-3-7