Author(s): प्रीति सतपथी

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Address: (श्रीमती) प्रीति सतपथी सहायक प्राध्यापक] सौ. कुसुम ताई दाबके विधि महाविद्यालय, रायपुर (छ.ग)

Published In:   Volume - 2,      Issue - 2,     Year - 2014


ABSTRACT:
स्वतंत्रता के पश्चात् भारतीय नारी की स्थिति में काफी सुधारात्मक परिवर्तन हुए है । आजादी के 64 वर्शो के पश्चात हम यदि कानूनी दृष्टिकोण से नारी के प्रति अपराधों को रोकने के लिए बनाये गये अधिनियमों की विवेचना करते हैं तो स्पष्ट परिलक्षित होता है कि हमारे देश में नारी की गरिमामयी स्थिति को बनाये रखने के लिए बहुत सारे कानून बनाये गये हैं। किन्तु पर्याप्त कानूनी शिक्षा के अभाव में कानूनों की जानकारी उनकों नहीं मिल पाती, यहाँ तक कि अधिकांश महिलाओं को पता ही नहीं हो पाता कि उनके कौन कौन से अधिकार प्राप्त हैं । प्रस्तुत शोध पत्र में महिलाओं के उत्थान एवं उनके प्रति अपराधों को रोकने हेतु बनाए गए अधिकारों की विवेचना की गई है ।


Cite this article:
प्रीति सतपथी. महिलाओं के संवैधानिक एवं विधिक अधिकार: विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 2(2): April-June 2014; Page 144-147

Cite(Electronic):
प्रीति सतपथी. महिलाओं के संवैधानिक एवं विधिक अधिकार: विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 2(2): April-June 2014; Page 144-147   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2014-2-2-11


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