Author(s): सुभाष चन्द्राकर, मनीषा शर्मा, मनीषा दुबे

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Address: डाॅ. सुभाष चन्द्राकर1, डाॅ. मनीषा शर्मा2, श्रीमती मनीषा दुबे3
1सहायक प्राध्यापक, दुर्गा महाविद्यालय, रायपुर
2प्राध्यापक, शास. डाॅ. राधाबाई नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर
3शोध छात्रा, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर छत्तीसगढ़
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 6,      Issue - 3,     Year - 2018


ABSTRACT:
पं. दीनदयाल उपाध्याय भारत के ऐसे मनीषी है, जिनका बचपन विकट स्थितियों में बीता, फिर भी उन्होंने मेधावी छात्र के रूप में अपनी पहचान बनायी। उच्च शिक्षा अध्ययन के समय कानपुर में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सम्पर्क में 1937 में आये व उसी के होकर रह गये।


Cite this article:
सुभाष चन्द्राकर, मनीषा शर्मा, मनीषा दुबे. प्राचीनता एवं नवीनता के सेतु प्रखर राष्ट्रवादी पं. दीनदयाल उपाध्याय. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(3):302-304.

Cite(Electronic):
सुभाष चन्द्राकर, मनीषा शर्मा, मनीषा दुबे. प्राचीनता एवं नवीनता के सेतु प्रखर राष्ट्रवादी पं. दीनदयाल उपाध्याय. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(3):302-304.   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-3-17


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