Author(s):
मनोज सिंह
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डाॅ. मनोज सिंह
व्याख्याता, एस.एस. महाविद्यालय, नगला सेवा कुरवारिया, बयाना, भरतपुर (राज.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
1990 के पष्चात् प्रत्यक्ष विदेषी निवेष के कारण राज्यों के बीच आर्थिक वृद्धि में असन्तुलन बढ़ा हैं। अर्थात् वृद्धि दरों में पर्याप्त अन्तर रहा हैं। प्रस्तावित अध्ययन में बताया गया हैं। प्रस्तावित शोध पत्र द्वितीय संमको पर आधारित हैं। रिजर्व बैंक इंडिया, वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार, भारतीय अर्थव्यवस्था मूल्यांकन केन्द्र आदि से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश समवन्धी आंकड़े संकलित किये हैं। इसके साथ ही 1990 से 2007 तक की अवधि का अध्ययन भी किया गया हैं। इसके अलावा तुलनात्मक विवेचन के लिए 1985 से 1990 की अवधि के आंकड़ो का विष्लेशण भी किया गया हैं तथा वार्षिक औद्यौगिक सर्वेक्षण, योजना आयोग के आधारभूत संरचना विकास संबंधी आॅकड़ों को संकलित किया हैं। आॅकड़ो का विश्लेषण हेतु साॅख्यकीय एवं मानचित्रीय विधियों का प्रयोग किया गया हैं। वृद्धि दरें ज्ञात करने के लिए प्रतीपगमन विश्लेषण का प्रयोग किया हैं। विदेशी निवेश के क्षेत्रीय अन्र्तप्रवाह के निर्धारण कारकों को पहचानने के लिए बहुगामी कारक विश्लेषण विधि का प्रयोग किया गया है। साथ ही सह सम्बन्ध विधि द्वारा भौगौलिक आर्थिक कारकों का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ संबंध व्याख्यायित किया गया हैं।
Cite this article:
मनोज सिंह. भारत में प्रत्यक्ष विदेषी निवेष-1990 से 2007 तक भौगौलिक कारकांे का विष्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):87-93.
Cite(Electronic):
मनोज सिंह. भारत में प्रत्यक्ष विदेषी निवेष-1990 से 2007 तक भौगौलिक कारकांे का विष्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):87-93. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-17