Author(s):
मनोज सिंह
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डाॅ. मनोज सिंह
व्याख्याता एस.एस.महाविद्यालय, नगला सेवा कुरवारिया, बयाना, भरतपुर (राज.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
विकसित एवं विकासशील आर्थिक विकास अर्थव्यवस्था में पूंजी की महत्ती भूमिका के कारण विदेशी निवेश के माध्यम से पूंजी निर्माण बढ़ाने पर बल दिया जाता है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से निवेशकर्ता को जहाँ प्रतिफल प्राप्त होता हैं वहाँ दूसरी ओर जिस देश में निवेश होता हैं वहां उत्पादन एंव रोजगार के अवसरों में वृद्वि होती है। आर्थिक दृष्टि से यह महत्वपूर्ण है कि इससे अन्तर्राष्ट्रीय संसाधन को बेहतर आवंटन होता है अर्थात् पँूजी वहाँ काम में आती है, जहाँ उसकी सर्वाधिक उत्पादक होती है।
Cite this article:
मनोज सिंह. आजादी के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्थानिक विष्लेषणात्मक एवं भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):27-35.
Cite(Electronic):
मनोज सिंह. आजादी के बाद भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का स्थानिक विष्लेषणात्मक एवं भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):27-35. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-5