Author(s):
मनोज सिंह
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डाॅ. मनोज सिंह
एस.एस. महाविद्यालय, नगला सेवा कुरवारिया, बयाना, भरतपुर (राज.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 6,
Issue - 4,
Year - 2018
ABSTRACT:
वर्ष 2020 में भारत की जनसंख्या 135 करोड़ तक पहुंच जाने की संभावना है साथ ही बढ़ती जनसंख्या के तहत् अत्यधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की आवश्यकता पड़ सकती हैं। इसके लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकारों को भौगौलिक कारकों को ध्यान में रखते हुए उचित पहल की आवश्यकता हैं। विदेशी पूंजी, निवेश, मशीनीकरण एवं यांत्रिकी क्रांति को ध्यान में रखते हुए उचित पाॅलिसी बनाने की आज जरूरत हैं। शोध अध्ययन में पाया गया है कि भारत मंे विदेशी निवेश राज्यवार वितरण न ज्यादा न कम और न ही बराबर हैं। महाराष्ट्र एवं गुजरात तथा तमिलनाडू एवं कर्नाटक में वर्ष 1991 से 2004 तथा 1991 से 1998 तक की स्थिति में पश्चिमी क्षेत्रों एवं दक्षिणी क्षेत्रों में सर्वाधिक वृद्धि होने का आकंलन किया गया हैं। विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बेहतर हैं। भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को एक कारगर हथियार के तौर पर प्रयोग करने की आज जरूरत हैं। बैकिंग, परिवहन, पर्यटन बीमा के क्षेत्र में विदेशी निवेश भारत के लिए उपयोगी साबित होगा।
Cite this article:
मनोज सिंह. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: भौगोलिक कारको का विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(4):509-517.
Cite(Electronic):
मनोज सिंह. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश: भौगोलिक कारको का विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(4):509-517. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-4-21