ABSTRACT:
प्रस्तुत शोधपत्र मानव अधिकार के संरक्षण पर आधारित है। वर्तमान में शिक्षित/अशिक्षित नागरिकों को मानव अधिकारों के बारे में जागरूक करके उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है। 20वीं सदी के उतरार्द्ध में विश्व में आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक ही नही सांस्कृतिक परिवर्तनों की एक नवीन प्रक्रिया प्रारंभ हुर्ह है। परन्तु बढ़ती बेरोजगारी, अशिक्षा, कुपोषण और सामाजिक, आर्थिक अन्याय कि स्थिति सामाजिक विज्ञानों के परम्परागत सिद्धान्तों पर आघात कर रही है। नवीन तकनीक पूॅजी और संचार क्रांति के प्रभाव से यह प्रश्न उठ रहा है कि क्या समाज व्यवस्था और राज्य व्यवस्था सहित मानवीन संबंधो का पुर्ननिर्धारण हो रहा है ? क्या यह पुर्ननिर्धारण मानवीय है ? जैसे प्रश्नों के हल हमें खोजने होगें। वर्तमान परिस्थितियों में सामाजिक विज्ञानों का दायित्व बढ़ता जा रहा है।
उद्देश्य:-
1. मानवाधिकार की रक्षा करना।
2. विशेषकर ग्रामीण इलाकों में मानवाधिकारों के संबंध में जागरूकता लाना।
3. अशिक्षित/विशेषकर महिलाओं को मानवाधिकार के संबध्ंा मे विशेष रूप से जागृत करना।
Cite this article:
Smt. V. Sengupta. मानवाअधिकार संरक्षण वर्तमान संदर्भ में.
Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(4): Oct.- Dec., 2016; Page 243-245
Cite(Electronic):
Smt. V. Sengupta. मानवाअधिकार संरक्षण वर्तमान संदर्भ में.
Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(4): Oct.- Dec., 2016; Page 243-245 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-4-10