Author(s): सुबोध कुमार शुक्ला

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Address: डाॅ. सुबोध कुमार शुक्ला
अतिथि विद्वान (वाणिज्य) शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमरपाटन जिला सतना (म.प्र.).
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 8,      Issue - 3,     Year - 2020


ABSTRACT:
नई आर्थिक नीति का अर्थ केवल विदेशी व्यापार या विदेशी पूॅजी निवेश तक ही सीमित नहीं है। अर्थव्यवस्था के सभी अंगों में नियंत्रणों के स्थान पर उदारीकरण अपनाया जाये। नई आर्थिक नीति के प्रमुख अंग है-नई औद्योगिक नीति, राजकोषीय नीति, नई मौद्रिक नीति, विदेशी नीति, विनियम नियंत्रण नीति, नई व्यापार नीति आदि। वैश्वीकरण का सामान्य रूप से आशय पूरे विश्व का एक सत्ता के रूप में मानने से है, इसमें सभी आर्थिक बाधाओं को हटा दिया जाता है, जिससे कि बाजार शक्तियाॅ स्वतंत्र रूप से अपनी भूमिका अदा कर सकें। वास्तव में वैश्वीकरण व्यापारिक क्रियाकलापों का अन्तर्राष्ट्रीयकरण है जिसमें पूरे विश्व को एक ही क्षेत्र के रूप में देखा जाता है। इस प्रकार यह व्यापार को न्यूनतम लागत ळें इस प्रकार नवीन आर्थिक नीति देश में आर्थिक विकास में व्यापक प्रभाव डाली है। जैसे- प्रतिकूल वातावरण, सीमित वित्तीय साधन, राजनीतिक एवं प्रशासनिक समस्या, धीमी गति, अनुचित क्षेत्र का प्रवेश।


Cite this article:
सुबोध कुमार शुक्ला. वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(3):167-172.

Cite(Electronic):
सुबोध कुमार शुक्ला. वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(3):167-172.   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2020-8-3-4


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