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अनोज एक्का, टिके सिंह
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डाॅं. अनोज एक्का1, डाॅ. टिके सिंह2
1विभागाध्यक्ष, लोयोला महाविद्यालय, कुनकुरी जिला- जषपुर (छ0ग0)
2सहायक प्राध्यापक, भूगोल अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
किसी क्षेत्र में षिषु मत्र्यता दर को सामान्यतया उच्च जीवन स्तर, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धि, जन-सुविधाओं और वातारण, आदि का प्रतीक माना जाता है। अनुसूचित जनजातियों के पारम्परिक रुढ़िवादिता, सामाजिक-धार्मिक मान्यताओं तथा जातिगत बंधनों के कारण इनमें पारिवारिक स्तर की सुविधाओं में कमी पाई गई है। मानव साभ्यता एंव संस्कृति से दूर वनाच्छादित एवं पिछड़े भागों में आवासित अनुसूचित जनजातियों के षिषु मत्र्यता दर को कम करने के लिए इनमें पारिवारिक स्तर की सुविधाओं में सुधार करना अत्यावष्यक है। जिले में अनुसूचित जनजातियों में शिशु मत्र्यता दर 80.5 प्रति हजार है। जिले में षिषु मत्र्यता दर बालकों में 90.1 प्रति हजार तथा बालिकाओं में 62.6 प्रति हजार है। जिले में नवजात मत्र्यता दर 54.4 प्रति हजार है। इसमें से 22.8 प्रति हजार प्रारंभिक नवजात मत्र्यता दर है। नवजातोत्तर मत्र्यता दर 26.0 प्रति हजार है। जिले में प्रांरभिक नवजात मत्र्यता दर बालकों में 26.5 प्रति हजार तथा बालिकाओं में 18.5 प्रति हजार कम है।
Cite this article:
अनोज एक्का, टिके सिंह. जषुपर जिले में अनुसूचित जनजातियों में पारिवारिक स्तर की सुविधाएं एवं षिषु मत्र्यता दर: एक भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):165-173.
Cite(Electronic):
अनोज एक्का, टिके सिंह. जषुपर जिले में अनुसूचित जनजातियों में पारिवारिक स्तर की सुविधाएं एवं षिषु मत्र्यता दर: एक भौगोलिक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):165-173. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-30