Author(s): अरुण कुमार पाण्डेय

Email(s): arunpandey.hindi@gmail.com

DOI: Not Available

Address: अरुण कुमार पाण्डेय
कमरा संख्या-27, ब्लॉक-एफ॰, मानविकी विद्यापीठ, इग्नू कैंपस, मैदान गढ़ी, नई दिल्ली-68
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 6,      Issue - 1,     Year - 2018


ABSTRACT:
किसी भी कृति के रूप और अन्तर्वस्तु के द्वन्द्वात्मक सम्बन्ध द्वारा ही उस कृति की संरचनागत परख की जा सकती है। रूप और अन्तर्वस्तु के इस द्वन्द्वात्मक सम्बन्ध पर राजू शर्मा के उपन्यास ‘हलफनामे’ का अवलोकन करने पर हम देखते हैं कि ‘‘यह उपन्यास अपने समकालीन यथार्थ के कथावस्तु के रूप में चयन के चलते कई मायनों में विशिष्ट हो जाता है क्योंकि विषयवस्तु के लिहाज से इस उपन्यास की भाषा वैसी ही संजीदा और चिंताग्रस्त है जैसा कि स्वयं यह विषय। उपन्यास को पढ़ते हुए हमारे मन में वैसा ही भय उत्पन्न होता है


Cite this article:
अरुण कुमार पाण्डेय. हलफनामे उपन्यास में किसान जीवन की त्रासदी. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(1):Page 95-99 .

Cite(Electronic):
अरुण कुमार पाण्डेय. हलफनामे उपन्यास में किसान जीवन की त्रासदी. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(1):Page 95-99 .   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-1-14


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