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पवित्रा
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पवित्रा
पीएच॰ डी॰ श¨धार्थी, हिंदी विभाग, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, र¨हतक (हरियाणा)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ अधिकांश आबादी गाँव में निवास करती है अ©र गाँव के ल¨ग¨ं का मुख्य कार्य कृषि है। किसान पर हमारी अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। फिर भी किसान¨ं क¨ उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। आदि काल से लेकर उŸार आधुनिक काल तक किसानपिसता आ रहा है। आज भी खेती सरकार की दृष्टि में न के बराबर है। जिसके कारण किसान कर्ज में डूब जाता है अ©र आत्महत्या करने क¨ मजबूर ह¨ जाता है। किसान कर्ज से ग्रस्त ह¨कर त्रासदी पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहा है।
Cite this article:
पवित्रा. फाँस उपन्यास में कर्ज से ग्रस्त किसान जीवन की त्रासदी. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):263-266.
Cite(Electronic):
पवित्रा. फाँस उपन्यास में कर्ज से ग्रस्त किसान जीवन की त्रासदी. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):263-266. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-47