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एविस चिन्तामनी, अंजू श्रीवास्तव
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डाॅ.(श्रीमती) एविस चिन्तामनी1, अंजू श्रीवास्तव2
1प्राध्यापक (शिक्षाशास्त्र) सैम हिंगिन बाॅटम यूनिवर्सिटी आॅफ एग्रीकल्चर टेक्नोलाॅजी एण्ड साइंससेज इलाहाबाद
2शोधार्थी (शिक्षाशास्त्र) सैम हिंगिन बाॅटम यूनिवर्सिटी आॅफ एग्रीकल्चर टेक्नोलाॅजी एण्ड साइंससेज इलाहाबाद
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 3,
Year - 2019
ABSTRACT:
वर्तमान समय में नक्सलवाद की समस्या, भारत में शिक्षा की गिरता हुआ गुणवत्ता स्तर और विद्यार्थियों की विविध उपलब्धि में पतन तथा नकारात्मक मनावैज्ञानिक तत्वों में तेजी से विकास को लेकर गहन रूप से चिंता व्याप्त है। शिक्षा प्रणाली एवं उसके सहींे क्रियान्वयन ही राष्ट्र एवं शिक्षा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती कै रूप में उभर रहा है। बालाघाट म.प्र. राज्य का ऐसा ही आदिवासी बहुल इलाका है, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्र में काफी पिछड़ा है। चूंकि शिक्षा के अभाव में वे अभी तक प्रगति से कोसों दूर है। अतः इस क्षेत्र के विद्यार्थियों की व्यक्तिगत विकास संबंधी समस्याओं, वातावरण के कारण उत्पन्न समस्याएं जो उनकी उपलब्धि, व्यवहार एवं व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। उनकी शैक्षिक उपलब्धि एवं अन्य चरों जैसे संवेगात्मक बुद्धि एवं सुरक्षा की भावना के स्तरों का पता लगा कर उनके स्तर को वृद्धि की ओर पहंुचाने का प्रयास किया जा सकता है। तथा शैक्षिक उपलब्धि में बाधक चरों जैसे सामान्य दुश्चिंता एवं असुरक्षा की भावना कैसे नियंत्रण करना है या उनको कम करने के उपाय के संबंध में यह अध्ययन महत्वपूर्ण हो सकता है। चूंकि यह क्षेत्र वैसे भी विभिन्न हिंसात्मक, दहशतजद स्थितियों का लगातार लंबे समय से सामना कर रही है अतः इनका उनके स्वास्थ्य, व्यवहार, व्यक्तित्व में निश्चित ही प्रभाव दिखाई देना स्वाभाविक हो जाता है। ऐसे में नक्सलवाद समाप्त करने की दशा में राज्य का सर्वोच्च प्रयास होना चाहिए। इस क्षेत्र के विद्यालय में मानव संसाधनों जैसे योग्य, अनुभवी एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकौं का अभाव भी शिक्षा के विकास की राह में बहुत बड़ा बाधा के रूप में उभर कर सामने आया है। जिसके कारण इस क्षेत्र के विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि एवं संवेगात्मक बुद्धि के स्तरांे मैं अंतर आया है। विद्यालय एवं विद्यार्थी दोनों ही इनके कारण असुरक्षा दबाव एवं दुश्चिंता का सामना कर रहैं हैं। क्षेत्र के सांस्कृतिक स्थिति का सहीं अध्ययन कर उसके अनुकूल प्राथमिक स्तर से शिक्षा के ढ़ांचे में आमूलचूल परिवर्तन के लिए नयी योजनाओं का निर्माण एवं उसका सहीं क्रियान्वयन की मांग इस क्षेत्र की आवश्यकता है। ऐसे ही अनेक कारकों के कारण यह अध्ययन अपने आप में विशेष महत्व रखता है।
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एविस चिन्तामनी, अंजू श्रीवास्तव. नक्सली क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों और छात्राओं के समायोजन एवं चिंता स्तर का अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(3):681-686.
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एविस चिन्तामनी, अंजू श्रीवास्तव. नक्सली क्षेत्र के माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्रों और छात्राओं के समायोजन एवं चिंता स्तर का अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(3):681-686. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-3-12