ABSTRACT:
पर्यावरण मानव जीवन पद्धति के लिए यदि अनिवार्य अंग है तो इसका संरक्षण और बचाव भी मानव का परम कर्त्तव्य बन जाता है। पर्यावरण संरक्षण मानवीय जीवन के लिए अति आवश्यक विषय - वस्तु बन गया है। इस दिशा में वैश्विक एवं भारत दोनों ही स्तरों पर अनेक प्रयास एवं आन्दोलन अनवरत जारी है। पर्यावरण संरक्षण में स्त्री की भूमिका महत्वपूर्ण है। पर्यावरण को बचाने के लिए स्त्रियों ने योगदान दिया है। महिलायें वैदिक काल से ही पर्यावरण संरक्षण के पक्ष में रही है। उसका उदाहरण तुलसी पूजा एवं वट वृक्ष पूजा है। भारतीय महिलायें सदैव इस दिशा में कार्यशील रही है। हमारी भारतीय ंसंस्कृति को देखने पर रीति-रिवाजों, परम्पराओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता दिखाई देती रही है। भारतीय महिलायें सदैव से ही पर्यावरण संरक्षण में पुरुषों से आगे रही हैं इसका पता हमें विभिन्न पर्यावरण संरक्षण के आन्दोलनों का अध्ययन करने पर चलता है। महिलाओं ने पर्यावरण व वनों की रक्षा के लिये कई आन्दलनों में भाग लिया इनमें अग्रणी भमिका निभायी है और अपने प्राणों की आहूति तक दी है। कार्ल मार्क्स का कथन है कि सृष्टि में कोई भी बड़े से बड़ा सामाजिक परिवर्तन महिलाओं के बिना नहीं हो सकता’’। अतः महिलाओं ने सदैव ही पर्यावरण संरक्षण की बात की है।
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चेतना गजपाल, कुबेर सिंह गुरूपंच. पर्यावरण संरक्षण मे महिलाओ की भूमिका. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2023; 11(2):116-0. doi: 10.52711/2454-2687.2023.00017
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चेतना गजपाल, कुबेर सिंह गुरूपंच. पर्यावरण संरक्षण मे महिलाओ की भूमिका. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2023; 11(2):116-0. doi: 10.52711/2454-2687.2023.00017 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-2-8
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