Author(s): ममता, निशी यादव

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DOI: 10.52711/2454-2687.2025.00004   

Address: ममता1, निशी यादव2
1शोध छात्रा, समाजशास्त्र विभाग, लखनऊ विश्वविधालय, लखनऊ.
2असिस्टेंट प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग, कृष्णा देवी गर्ल्स डिग्री कॉलेज, लखनऊ.
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 13,      Issue - 1,     Year - 2025


ABSTRACT:
आमतौर यह देखा जाता है कि दिव्यांगजनों द्वारा सामना की जाने वाली बाधाओं की एक बड़ी संख्या सामाजिक दृष्टिकोण से उत्पन्न होती है। दिव्यांगता एक जटिल घटना है जो न केवल किसी विशेष व्यक्ति के शरीर, मस्तिष्क व उसके परिवेश को भी चुनौतीपूर्ण बनाती है। दिव्यांगजनों को अक्सर सामाजिक-सांस्कृतिक कलंक के साथ जीना पड़ता है जिसके कारण दिव्यांगजनों को हाशिये पर रखा व बहिष्कृत किया जाता है। समाज में अशिक्षा, अज्ञानता, गरीबी व सामाजिक-सांस्कृतिक रुढ़िवादी विचारों ने दिव्यांगजनों को गम्भीर रूप से प्रभावित किया है। ये लेख दिव्यांगजनों के प्रति सामाजिक-सांस्कृतिक, क्रिया-प्रतिक्रिया एवं अभिवृत्तियोँ पर आधारित है। जिसमें द्वितीयक स्रोतों के माध्यम से दिव्यांगजनों के प्रति समाज की अभिवृत्तियोँ एवं चुनौतियोँ को समझने का प्रयास किया गया है। साथ ही समाज का दिव्यांगजन के प्रति कैसी क्रिया-प्रतिक्रिया है और उनके सामने आने वाली चुनौतियोँ को जानने का प्रयास किया गया है। जिससे इस समूह को समाज में होने वाली समस्याओं का पता लगाया जा सके और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने व चुनौतियों को कम किया जा सके ताकि इन्हें स्वावलंबी और समाज में समानता प्राप्त हो सके।


Cite this article:
ममता, निशी यादव. दिव्यांगजनों के प्रति समाज की अभिवृत्तियाँ एवं चुनौतियाँः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2025; 13(1):21-6. doi: 10.52711/2454-2687.2025.00004

Cite(Electronic):
ममता, निशी यादव. दिव्यांगजनों के प्रति समाज की अभिवृत्तियाँ एवं चुनौतियाँः एक समाजशास्त्रीय विश्लेषण. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2025; 13(1):21-6. doi: 10.52711/2454-2687.2025.00004   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2025-13-1-4


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