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हेमलता बोरकर
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हेमलता बोरकर
वरिश्ठ सहायक प्राध्यापक, समाजशास्त्र अध्ययनषाला, पं. रविषंकर षुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर
Published In:
Volume - 1,
Issue - 1,
Year - 2013
ABSTRACT:
भारत की कुल जनसंख्या मे लगभग 13 प्रतिषत 0-6 वर्श से कम उम्र के बच्चों की उपस्थिति है। कुपोशण में भी भारत प्रथम रेंक स्थान है। 43.5 प्रतिषत बच्चे औसत वजन से कम वजन के है। पिछले दषक में भारत की विस्मत कर देने वाली प्रगति के बावजूद भारत विष्व के उन देषों में से एक है, जहां कुपोशण दर सबसे ज्यादा है। कुपोशण से करीब 45 फीसदी बच्चों का विकास अवरुद्ध हो जाता है, 75 फीसदी बच्चे रक्तअल्पता से पीड़ीत होते हैं एवं 57 फीसदी बच्चे विटामिन । की कमी का षिकार बन जाते है, जिसका सीधा असर बच्चों के मस्तिश्क पर पड़ता है जिसका समाज पर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है। मातृव्य मृत्यु दर एवं कुपोशण की समस्या पर रोकथाम लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्श 1975 में 33 विकासखण्डों में आंगनबाड़ी कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया। वर्तमान में 5421 विकासखण्डों में आंगनबाड़ी केन्द्र चलाए जा रहे है। इस कार्यक्रम का लाभ 0 से 6 वर्श की आयु के 39 मिलियन बच्चे एवं 8 मिलियन गर्भवती एवं षिषुवती महिलाओ को मिल रहा है। यह सेवा विष्व में षिषु एवं मताओं के बचाव और विकास के लिए चलाया जा रहा अकेला सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों मे 300-1500 की जनसंख्या पर एक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है। जिसमे आंगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता कार्यरत है, जो 0-6 वर्श तक के बच्चो, गर्भवती एवं षिषुवती महिलाओं के लिए टीकाकरण, पोशण, आहार, षिक्षा एवं परामर्ष सेवाएं देने का कार्य करती है।
Cite this article:
हेमलता बोरकर. राष्ट्रीय उत्थान में आंगनबाड़ी कार्यक्रम में संलग्न महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका.
Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 1(1): July –Sept. 2013; Page 14-17.
Cite(Electronic):
हेमलता बोरकर. राष्ट्रीय उत्थान में आंगनबाड़ी कार्यक्रम में संलग्न महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका.
Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 1(1): July –Sept. 2013; Page 14-17. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2013-1-1-4