ABSTRACT:
समय-काल परिस्थितियां निरन्तर परिवर्तशील रहा है इसमें दो राय नहीं हो सकता की पीछले 64 वर्ष पूर्व के ग्रामीण भारत और वर्तमान के ग्रामीण भारत में किसी तरह का परिवर्तन न हुआ हो । इस लम्बी अवधि में ग्रामीण भारत में कई परिवर्तन हुए है जैसे अवागमन के साधन, सूचना तंत्र, बिजली, पेयजल, आवास के स्वरूप, रहन-सहन, खान-पान, ग्रामीण गांव के दुकान, स्वयं के विकास के प्रति सोंच-विचार, शिक्षा का स्तर एवं स्वास्थ्य संस्थान इत्यादि क्षेत्रों में व्यापक परिवर्तन हुआ है इतना अन्तर अवश्य है कि एक राज्य और दूसरे राज्यों के गांवों में परिवर्तन का स्तर में भिन्नता है जैसे पंजाब, हरियाणा और छत्तीसगढ़ व ओड़ीसा के गांवों में परिवर्तन का स्तर में भिन्न-भिन्न है कहीं अधिक तेजी से विकास हो रहे है तो कहीं मंद गति से तथा कुछ गांव ऐसे भी है जहां आज भी कई आभारभूत जरूरत के साधन विकसीत नहीं हो पाये है जैसे स्वास्थ्य उपचार के लिए रोगी को खटिया में ढोकर दूर पगड्डी रास्ते से घण्टों चलकर स्वास्थ्य केन्द्र पहंुचाया जाना तथा कई गांव ऐसे है जो नदियों के उस पार है नदी में पुल नहीं बनने से अन्य गांवों से कटा हुआ होना, ऐसे त्रसादि से जुझ रहे गांवासी नदी में बांस के पुल बनाकर जैसे-तैसे अपनी दिनचर्या बनाये रखते है।
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Nister Kujur . मैदानी छत्तीसगढ़ में महिलाओं को शौच जाने की समस्या. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 3(2): April- June. 2015; Page 53-58.
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Nister Kujur . मैदानी छत्तीसगढ़ में महिलाओं को शौच जाने की समस्या. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 3(2): April- June. 2015; Page 53-58. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2015-3-2-1