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अरूण कुमार सुगंध, डी. पी. कुर्रे, व्ही. के. जोशी
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अरूण कुमार सुगंध1, डी. पी. कुर्रे2, व्ही. के. जोशी3
1शोध छात्र, डाॅ. राधाबाई शास. नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर
2प्राध्यापक/निर्देशक, डाॅ. राधाबाई शास. नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर
3प्राध्यापक/सहनिर्देशक, डाॅ. राधाबाई शास. नवीन कन्या महाविद्यालय, रायपुर
Published In:
Volume - 3,
Issue - 4,
Year - 2015
ABSTRACT:
विश्व के प्रायः सभी देशों में पर्यटन एक प्रमुख मनोरंजन व्यवसाय है। भारत मे भी पर्यटन को दु्रत गति से विस्तार मिल रहा है। भारत के पर्यटन मानचित्र पर छत्तीसगढ़ एक उभरता हुआ राज्य है। छत्तीसगढ़ का प्राकृतिक सौंदर्य विलक्षण है। यहाॅं के प्राकृतिक, धार्मिक, पुरातात्विक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थल पर्यटकों को स्वाभाविक रूप से आकर्षित करते हैं। छत्तीसगढ़ सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन के विकास के लिए राज्य निर्माण के बाद से बहुत तेजी से काम हुए हैं।छत्तीसगढ़ अपने आप में पर्यटन के क्षेत्र में समृद्धि की ओर बढ़ता हुआ राज्य है। यहाॅं ऐतिहासिक, पुरातात्विक, धार्मिक, औद्योगिक केन्द्र, प्राकृतिक सौंदर्य राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य प्राणी अभ्यारण्य के साथ-साथ गौरवशाली आदिम संस्कृति का अद्वितीय उदाहरण देखने को मिलता है।
छत्तीसगढ़ एक विकासोन्मुख राज्य है, जहाॅं की अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग की विशेष भूमिका है। राज्य में समस्त प्रकार के पर्यटन स्थल प्रचुर मात्रा में अवस्थित हैं तथा इनके विकास और विस्तार की आवश्यकता है।
Cite this article:
अरूण कुमार सुगंध, डी. पी. कुर्रे, व्ही. के. जोशी. छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में पर्यटन उद्योग का योगदान. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 3(4): Oct. - Dec., 2015; Page 159-162
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अरूण कुमार सुगंध, डी. पी. कुर्रे, व्ही. के. जोशी. छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास में पर्यटन उद्योग का योगदान. Int. J. Rev. & Res. Social Sci. 3(4): Oct. - Dec., 2015; Page 159-162 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2015-3-4-3