ABSTRACT:
वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर अपने सुदूर अतीत काल में छः टप्पों के बीच बसी 3000 झ®पड़ियों से लेकर व्यापारिक मंडी के रुप में ख्याति नाम रही. ऐतिहासिक सूत्रों से ज्ञात ह®ता है कि विश्न्नि राजवंशों के काल में इस शहर क® राजधानी ह®ने का अवसर कश्ी नहीं मिला. केवल नियंत्रण केंद्र के रुप में इस नगर का ऐतिहासिक उल्लेख मिलता है. 15वसीं सदी में हैहय राजवंश की लहुरी शाखा के शासन के द©रान यह क्ष्®त्र राजधानी बना. तब से इसकी विकास यात्रा आरंश् ह®कर मराठा काल व ब्रिटिश काल में अपने बहुआयामी रुप में गतिमान रही. प्रशासनिक क्ष्®त्र, राष्टन्न्ीय गतिविधियों, नगर की असाहट, जनजागरुकता आदि के रुप में यह विकास पाता रहा. स्वातंत्र्य®परांत इस शहर का अघ®षित राजधानी के रुप में विकास ह®ता रहा. पृथक छत्तीसगढ़ निर्माण की प्रक्रिया में यह नगर विविध गतिविधियों का केंद्र बिंदू बना रहा.
Cite this article:
सरिता दुबे. छत्तीसगढ़ की राजधानी: रायपुर का ऐतिहासिक अनुशीलन.
Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(3): July-Sept., 2016; Page 193-196.
Cite(Electronic):
सरिता दुबे. छत्तीसगढ़ की राजधानी: रायपुर का ऐतिहासिक अनुशीलन.
Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 4(3): July-Sept., 2016; Page 193-196. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2016-4-3-9