Author(s): लोकेश पारगी

Email(s): lokeshpargi@yahoo.com

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Address: डा लोकेश पारगी
श्री गोविन्द गुरु राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बाँसवाड़ा (राज.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 5,      Issue - 4,     Year - 2017


ABSTRACT:
विश्व आज विज्ञान की देन के कारण पाॅकेट मे तथा चीप मे समाहित हो गया है। परन्तु आज भी भारत के जनजातीय क्षेत्र अपने पंचायत, जिला मुख्यालय तथा राज्य से कटे हुए है। जनजातीय क्षेत्र अपने को बाहरी दुनिया से जोड नही पाऐ हैं, इसका मुख्य कारण इन क्षेत्रो मे व्याप्त अशिक्षा, अन्धविश्वास, बेरोजगारी, सामाजिक कुरुतियों, आवागमन के साधनो में कमी सरकार एवं राजनैताओं द्वारा अनदेखी के साथ भौगोलिक वातावरण बहुत अधिक जिम्मेदार है।


Cite this article:
लोकेश पारगी. जनजातीय क्षेत्र मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे जनसंचार क्रांति की भूमिका. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2017; 5(4): 203-206.

Cite(Electronic):
लोकेश पारगी. जनजातीय क्षेत्र मे सामाजिक परिवर्तन लाने मे जनसंचार क्रांति की भूमिका. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2017; 5(4): 203-206.   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2017-5-4-4


सन्दर्भ सूची:
1.  उदय सिंह राजपूत (2010) आदिवासी विकास एवं गैर-सरकारी संगठन रावत पब्लिकेशन, जयपुर, नई दिल्ली, बेंगलोर, हैदराबा, गुवाहटी, पृष्ठ स.-3
2.  गोपाल त्रिपाठी (1973) भारत की जनजातियो का एकीकरण वन्यजाति वर्ष 21, ंअंक। पृष्ठ स. 8-13
3.  राकेश भट्ट (1995) जनजातीय उद्यमिता का विकास हिमांशु पब्लिकेशन जयपुर पृष्ठ स. 8-13
4.  जनजातीय क्षेत्रीय विकास विभाग, उदयपुर (राज.)
5.  राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार नई दिल्ली।
6.  हितेन्द्र सिंह राठौड़ (2010) जनसंचार साधन और ग्रामीण समुदाय हिमांशु पब्लिकेशन 464 हिरण मगरी सेक्टर-11 उदयपुर। पृष्ठ स.-3
 

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