ABSTRACT:
किसी भी संस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए संस्था प्रमुख एवं संस्था के अधिकारी व कर्मचारी की बहुत महत्वपूर्ण उत्तरदायित्व होता हैं। किन्तु भारत में वर्तमान शिक्षा प्रणाली मुलतः निजी विद्यालय को लेकर कानूनों में बदलाव की आवश्यकता है। वर्ड विजन 2017 के द्वारा एक सर्वे में पाया की भारतीय विद्यार्थीयों में हर दूसरे विद्यार्थी के साथ शोषण होता है। इन शोषको में विश्वासपूर्ण सहपाठी शिक्षक और अभिभावक शामिल है। यूनिसेफ की रिपोर्ट 2017 के अनुसार 5-11 वर्ष वाले विद्यार्थी सबसे अधिक शोषण का शिकार हुए है। 48 प्रतिशत लडकियों का मानना हैं कि काश वो लडका होती हैं। किन्तु अध्ययनों ने साबित हुआ है स्कुलों में 54 प्रतिशत लड़के भी लडकियों की तरह असुरक्षित हैं एक नयें आकडे के अनुसार 2014-2016 के बीच बाल यौन शोषण के कानून पोस्को के तहत दर्ज होने वाले अपराधों की संख्या 9000 से बढकर 36000 हो गया। आखिर हमारे बच्चे स्कूलों मे इतने असुरक्षित क्यों है?
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अश्विनी महाजन, खोमन लाल साहू. भारतीय स्कूलों की वर्तमान परिदृष्य. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):17-19.
Cite(Electronic):
अश्विनी महाजन, खोमन लाल साहू. भारतीय स्कूलों की वर्तमान परिदृष्य. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):17-19. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-3