ABSTRACT:
समाज सतत् परिवर्तनशील प्रतिमान है। समय के साथ साथ समाज में परिवर्तन अवश्यम्भावी है। परिवर्तन की इस धारा में छत्तीसगढ़ का साहू समाज भी प्रभावित हुआ है। समाजिक प्रगति ने धार्मिक क्रियाओं, अंधविश्वास तथा रुढ़ीवादी मन्यताओं पर प्रहार किया है। इसके साथ ही आदर्श विवाह विधवाआंे के पुर्न विवाह को प्रोत्साहन एवं समाजिक कुरितियों सम्बन्धी नियमों को समाज द्वारा कड़ाई से लागु किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य में स्वास्थ सेवाओं का प्रसार भी इनके द्वारा किया गया यद्यपी सामाजिक व्यवस्था में अनेक उतार चढ़ाव आए किन्तु सामाजिक जागरुकता तथा राश्ट्रीय चेतना के विकास से आदर्श विवाह जैसे महत्वपुर्ण विकास कार्य से ग्रामीण जनजीवन में काफी सुधार आया है। विवाह में पुरानी खर्चिली मान्यताआंे में प्रश्न चिन्ह खड़े किये जा रहे है, नये मुल्य पुरानी मान्यताओं रिति रिवाज और परंपराआंे के चैराहे पर खड़े ग्रामीण समाज के लोगो के हृदय एवं विचारों मंे उथल पुथल एवं व्यवहार तथा जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में परिवर्तन प्रतिविंबित हो रहे है।
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नम्रता साहू, वासुदेव सहासी, शम्पा चैबे. सामाजिक क्षेत्र में साहू समाज की भूमिका विशेष संदर्भ ’’सामूहिक आदर्श विवाह. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):49-52.