ABSTRACT:
भारत के कर ढ़ाँचे में सुधार का एक बहुत बड़ा कदम हैं ळैज् अर्थात ळववके ंदक ेमतअपबम ज्ंग ;वस्तु एवं सेवाकरद्ध। ळैज् लागू होने से पूरा देश एकीकृत बाजार में तब्दील हो गया है। इस नवीन कर प्रणाली मंे सभी प्रकार के करो को समहित किया गया हैं। जैसें.उत्पाद शुल्कए सेवाकरए मनोरंजन करए ट।ज् आदि। अब पूरे भारत में सिर्फ एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर लागू होगा। यह नवीन कर प्रणाली बहुप्रचारित एवं बहु प्रतिक्षित वस्तु एवं सेवा कर कानून 1 जुलाई 2017 से लागू हो गया है इसका सीधा सम्बन्ध अब तक लगने वाले दूसरे तरह के कर जैसे सीमा शुल्कए उत्पाद शुल्कए सेवा करए प्रवेश शुल्कए मनोरंजन करए वैट सब इसी में शामिल हो गये हैं। आजादी के बाद इसे देश का सबसे बड़ा कर सुधार कहा जा सकता हैए हांलाकि व्यापक रूप से इसका क्या लाभ होगा यह तय कर पाना मुश्किल है। वस्तु एवं सेवा कर को लेकर व्यापारी एवं आम उपभोक्ता में असंतोष की स्थिति व्याप्त है। एक देश एक ही कर लागू हो रहा हैए 3 अगस्त 2016 को देश भर में वस्तु एवं सेवा कर पारित किया गया हैए वस्तु और सेवा कर जिसे सरकार ने इसे 1 जुलाई 2017 से लागू करने का निर्णय लिया है। देश के कर ढांचे के आजादी के बाद यह सबसे बड़ा बदलाव है जिससे आम आदमी को फायदा होगा या बिल राज्य सभा द्वारा पारित किया गया जिसे लोकसभा द्वारा मई 2015 में पारित किया जा चुका है। वस्तु एवं सेवा कर के अन्तर्गत जून 2016 में नेशनल वैल्यू ऐडेड टैक्स लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
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धर्मेन्द्र कुमार वर्मा. वस्तु एवं सेवा कर का भारतीय समाज पर प्रभाव: एक विश्लेषण . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):517-524.
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धर्मेन्द्र कुमार वर्मा. वस्तु एवं सेवा कर का भारतीय समाज पर प्रभाव: एक विश्लेषण . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):517-524. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-2-40