ABSTRACT:
पण्डित मुकुटधर पाण्डेय संक्रमण काल के सामथ्र्यवान कवियों में से एक हैं । वे द्विवेदी युग एवं छायावादी युग के बीच की ऐसी महत्वपूर्ण कड़ी हैं जिनकी काव्य यात्रा को समझे बिना खड़ी बोली के विकास को सही रूप में नहीं समझा जा सकता। उनश्यास्वी साहित्यकारों में से पाण्डेय जी एक है जिन्हें हिंदी में उनकी कुछ रचनाओं से ही यथेष्ट ख्याति मिल गई । पाण्डेय जी की प्रसिद्ध रचना ‘कुररी के प्रति’ तथा ‘छायावाद’ लेख चन्द्रधर शर्मा गुलेरी जी की कहानी ‘उसने कहा था’ की तरह अमर रचनाएँ हैं । पण्डित मुकुटधर पाण्डेय ही छायावाद के जनक हैं ।
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बीरू लाल बरगाह, जयपाल सिंह प्रजापति. पण्डित मुकुटधर पाण्डेय के साहित्य में लोक-चेतना का अनुशीलन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(4):756-760.