Author(s): Lalit Mohan, Akhilesh Kumar Singh

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DOI: Not Available

Address: Lalit Mohan1, Akhilesh Kumar Singh2
1Ph.D Scholar, SAM Global University, Bhopal MP.
2Dean, Research and Development, SAM Global University, Bhopal MP.
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 10,      Issue - 3,     Year - 2022


ABSTRACT:
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस ग्रीवा (गर्दन) के आसपास के मेरुदंड की हड्डियों की असामान्य बढ़ोतरी और सर्वाइकल वेर्टेब्रा के बीच के कुशनों इंटरवर्टेबल डिस्क में कैल्शियम का डी-जेनरेशन] बहिःक्षेपण तथा सर्वाइकल क्षेत्र में फुलाव अथवा सूजन और अपने स्थान से सरकने की वजह से होता है। लगातार लंबे समय तक कंप्यूटर या लैपटॉप पर बैठे रहना मोबाइल फोन पर गर्दन झुकाकर देर तक बात करना और फास्ट-फूड्स व जंक-फूड्स का सेवन इस मर्ज के होने के कुछ प्रमुख कारण हैं।1] प्रौढ़ और वृद्धों में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस मेरुदंड में डी-जेनरेटिव बदलाव क्रिया है। वेर्टेब्रा के बीच के कुशनों के डी-जेनरेशन से नस पर दबाव पड़ता है और इससे सर्विकल स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण दिखते हैं। यह समस्या स्पाइन के सबसे उपरी भाग सर्वाइकल स्पाइन में होती है। सामान्यतः 4वीं 5वीं] 5वीं 6छठी] छठी 7वीं के बीच डिस्क का सर्वाइकल वेर्टेब्रा अधिक प्रभावित होता है। योगासन शारीरिक स्वास्थ्य के लिए वरदान स्वरूप हैं क्योंकि इससे शरीर के समस्त भागों पर प्रभाव पड़ता है और वह अपने कार्य सुचारु रूप से करते हैं। ये रोग विकारों को नष्ट करते हैं रोगों से रक्षा करते हैं शरीर को निरोग स्वस्थ एवं बलिष्ठ बनाए रखते हैं।2] सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस को ठीक करने वाली कोई दवा नहीं है। हालाँकि नियमित योगाभ्यास से इस रोग का निदान संभव है।


Cite this article:
Lalit Mohan, Akhilesh Kumar Singh. सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण और चयनित योगाभ्यासों की अवधारणा. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2022; 10(3):111-8.

Cite(Electronic):
Lalit Mohan, Akhilesh Kumar Singh. सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण और चयनित योगाभ्यासों की अवधारणा. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2022; 10(3):111-8.   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2022-10-3-5


संदर्भ:
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