ABSTRACT:
किसी भी देश के आर्थिक विकास में भौतिक पूँजी के साथ-साथ मानवीय पूँजी का भी महत्व होता है। व्यवहार में पूँजी स्टाॅक की वृृद्धि पर्याप्त सीमा तक मानव पूँजी निर्माण पर निर्भर रहती है जो कि देश के सभी व्यक्तियों के ज्ञान, कुशलता एवं क्षमताएँ बढ़ाने की प्रक्रिया है। ‘‘मानवीय साधन का विकास ज्ञान, योग्यता व समाज के व्यक्तियों की कार्यक्षमता में वृद्धि करने वाली एक प्रक्रिया हैं आर्थिक अर्थो में यह कहा जा सकता है कि यह मानवीय पूँजी एक संचय है, जिसका अर्थव्यवस्था के विकास में प्रभावशाली विनियोग किया जाता है। मानवीय संसाधनों का महत्तव विकासशीलन देशों अथवा अर्द्धविकसित देशों में बहुत अधिक है, क्योंकि मानवीय पूँजी के द्वारा ही प्राकृतिक संसाधनों एवं भौतिक पूँजी का उपयोग तीव्र गति से विकास कार्यो में करना संभव होता है।
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बी एल सोनेकर, रश्मि पांडे. छŸाीसगढ़ राज्य में मानव विकास सूचकांक - एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2017; 5(4): 143-146 .
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बी एल सोनेकर, रश्मि पांडे. छŸाीसगढ़ राज्य में मानव विकास सूचकांक - एक विश्लेषणात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2017; 5(4): 143-146 . Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2017-5-4-3