Author(s): सुनीता मिश्रा, इन्दुबाला

Email(s): indubharti28@gmail.com

DOI: Not Available

Address: डा सुनीता मिश्रा1 श्रीमती इन्दुबाला2
1सह प्राध्यापक विभागाध्यक्ष . शाण् नवीन महाविद्यालय खुर्सीपारए भिलाई
2षोध छात्रा. पं रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय रायपुर
2षोध केन्द्र .षासकीय विष्वनाथ यादव तामस्कर स्नाकोत्तर स्वशासी विश्वविद्यालयए दुर्ग
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 7,      Issue - 2,     Year - 2019


ABSTRACT:
श्रम समस्याआंे पर विचार करते समय ष्श्रमष् श्रमिक या कर्मचारी शब्द का प्रयोग किया जाता हैए जिसका अर्थ हैए मजदूरी पर काम करने वाला व्यक्तिए जिसे अपनी जीविका चलाने का उनकी श्रमशक्ति एवं मानसिकए शारीरिक योग्यता के अलावा कोई अन्य पर्याप्त स्त्रोत नहीं होता हैए इस श्रम शक्ति के बदले में उन्हे मजदूरी या वेतन मिलता है। श्रमिक किसी भी प्रबंधन की श्रम.उत्पादन प्रणाली का एक प्रमुख अंग है और उसके कार्य की उपेक्षा नहीं की जा सकतीए आज श्रमिक भारतीय समाज का एक महत्वपूर्ण अंग हैए और अब सरकारी संस्थाओए समाज सेवी संगठनो एवं श्रमिक संगठनों द्वारा श्रमिको की आर्थिकए सामाजिक समस्याओं की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और उनकी सुरक्षा संबंधी समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रयत्नशील।


Cite this article:
सुनीता मिश्रा श्रीमती इन्दुबाला. भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरतए ठेका श्रमिकों एवं स्थायी कर्मचारियों की सुरक्षा संबंधी समस्याओं के संदर्भ में . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):395-398.

Cite(Electronic):
सुनीता मिश्रा श्रीमती इन्दुबाला. भिलाई इस्पात संयंत्र में कार्यरतए ठेका श्रमिकों एवं स्थायी कर्मचारियों की सुरक्षा संबंधी समस्याओं के संदर्भ में . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):395-398.   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-2-18


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