ABSTRACT:
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से हुई है। और इसका अर्थ है, शामिल होना या एकजुट होना। योगाभ्यास एक समग्र प्रभाव है और शरीर, मन, चेतना और आत्मा को संतुलन में लाना, मुख्य रूप से दैनिक जीवन में योग के लक्ष्यदृशारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक स्वास्थ्य, अध्यात्मिक स्वास्थ्य, आत्म प्राप्ति या हमारे भीतर के परमात्मा की प्राप्ति को माना जाता है। परंतु आज हम इस मशीनी युग में सभी स्वास्थ्य सुविधाएं होते हुए भी शारीरिक व मानसिक रूप से चिंतित रहते हैं। हम स्वास्थ्य की पूरी जानकारी रखते हुए भी स्वस्थ नहीं है। प्राचीन काल से लेकर अब तक हमारे स्वास्थ्य संस्कृति पर बहुत सारे शास्त्रकारों ने अपने-अपने अनुभव का बयान किया है। महर्षि पतंजलि द्वारा रचित योग सूत्र में वर्णित अष्टांग योग के आठ अंगों में वर्तमान समय में यम नियम से स्वास्थ्य पर क्या परिवर्तन लाया जा सकता है। दैनिक जीवन में योग का अभ्यास एक प्रणाली है, जिसके क्षेत्र में विकास के आठ स्तर शामिल हैदृशारीरिक, मानसिक, सामाजिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिए जब शरीर शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है तब मन भी स्वस्थ होता है स्पष्टता केंद्रित और तनाव नियंत्रण में रहता है।
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वंदिता, शशिकांत मणि त्रिपाठी. आधुनिक जीवन में यम नियम का मानवता पर प्रभाव. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2023; 11(4):249-2. doi: 10.52711/2454-2687.2023.00042
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वंदिता, शशिकांत मणि त्रिपाठी. आधुनिक जीवन में यम नियम का मानवता पर प्रभाव. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2023; 11(4):249-2. doi: 10.52711/2454-2687.2023.00042 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2023-11-4-8
संदर्भ ग्रंथ सूची
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