ABSTRACT:
भारत गांवों का देष है। महात्मा गांधी कहा करते थे, भारत की आत्मा गांवों में बसती है।’’प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पन्त ने लिखा है-भारत ग्रामवासिनी है। यहां की सभ्यता एवं रीति-रिवाज ग्राममय है। पूरे राष्ट्र के विकास के लिए ग्रामों का विकासित होना अनिवार्य है। विकास की राष्ट्रीय धारा में गांवों को भी कैसे जोड़ा जाए एवं उनका विकसित स्वरूप कैसा हो यह आज भारत के विकास के रणनीतिकारों के समक्ष एक गंभीर चुनौती है। वर्षो तक ग्रामीण विकास के लिए संगठित प्रयास करने वाले प्रसिद्ध समाजसेवी नाना जी देषमुख ने ग्रामीण विकास को परिभाषित करते हुए बताया कि हमारे गांव ऐसे हो जहां कोई गरीब न हो, कोई बेरोजगार न हो, कोई बीमार न हो, गांव में कोई विवाद न हो तथा गांव का परिवेष स्वच्छ, हरा-भरा एवं प्रदूषण रहित हो।
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क़मर इज़हार, राबिया बानो अंसारी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का ग्रामीण विकास में योगदान (रीवा जिले के विशेष सन्दर्भ में). International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(1):77-2. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00013
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क़मर इज़हार, राबिया बानो अंसारी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का ग्रामीण विकास में योगदान (रीवा जिले के विशेष सन्दर्भ में). International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(1):77-2. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00013 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-1-13
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