Author(s): सुचेता सिंह

Email(s): Email ID Not Available

DOI: 10.52711/2454-2687.2024.00009   

Address: सुचेता सिंह
शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जिला सतना (म.प्र.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 12,      Issue - 1,     Year - 2024


ABSTRACT:
किसी भी राष्ट्र के विकास के लिये उद्यमिता अतिआवश्यक तत्व है। यह सर्वमान्य तथ्य है कि कोई भी देश उपलब्ध मानव संसाधनों का पूर्ण उपयोग करके ही आर्थिक विकास के लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है। चूकिं मानव का आधा भाग महिलाएं होती है। इसलिये कोई राष्ट्र महिलाओं की सहभागिता के बिना आर्थिक विकास का सपना पूरा नही कर सकता है। इसलिये प्रत्येक राष्ट में आर्थिक विकास की गति को प्रोत्साहित करने में महिलाओं की भूमिका बढ़ती जा रही है। जहां तक भारत का प्रश्न है यहां पर आदिकाल से महिलाएं उपेक्षित रही है उनका कार्यक्रम का दायरा घर परिवार तक ही सीमित रहा है। सत्यता यह है कि महिलाओं के अपने घर परिवार तक सीमित रहने के दृष्टिकोण में परिवर्तन आया है। आज उद्यमिता के क्षेत्र में महिलाएं प्रबंध, संचालन व सहभागिता के क्षेत्र में तीव्र गति से सफलता प्राप्त कर रही है। भारत की सामाजिक मान्यताओं के अनुसार महिला का स्थान एवं कार्यक्षेत्र घर की चारदीवारी तक ही सीमित है, किन्तु आदिकाल से ही वह पुरुषों से आवश्यकता पड़ने पर पीछे नहीं रही। विकसित देशों में महिलाओं पुरुषों के साथ बिना भेदभाव के कार्य करती रहती है, जबकि भारत जैसे विकासशील देश में प्रयासरत है। शिक्षा प्रशिक्षण एवं आवश्यक दिशा निर्देश जैसे-जैसे महिलाओं में विकसित हो रहा है। क्रमशः कृषि, पशुपालन के अतिरिक्त औद्योगिक एवं तृतीयक क्षेत्रों में भी महिला श्रमिकों की भागीदारी बढ़ी है।


Cite this article:
सुचेता सिंह. सतना जिले में महिला उद्यमिता का विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(1):43-9. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00009

Cite(Electronic):
सुचेता सिंह. सतना जिले में महिला उद्यमिता का विश्लेषणात्मक अध्ययन. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(1):43-9. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00009   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-1-9


संदर्भ ग्रन्थ सूची -
1-   एस.के. मिश्रा बी.के. पुरी, भारतीय अर्थव्यवस्था, हिमालय पब्लिसंग हाउस 2007
2-   सिंह बी. राजेन्द्र, ग्रामों का आर्थिक पुनरूधर, साहित्य सम्मेलन प्रयोग 1930
3-   सिंह व निगम, भारतीय ग्राम्य अर्थशास्त्र, नवयुग साहित्य सदन आगरा 1971-72
4-   दन्त सुन्दरय, भारतीय अर्थव्यवस्था, एस.चन्द्र एवं क्र. न्यू दिल्ली 2009
5-   शर्मा वीरेन्द्र प्रकाश, रिसर्च मेथडोलांजी, पंचशील प्रकाशन जयपुर 2004
6-   आर.ए. दुबे, आर्थिक विकास एवं नियोजन, नेशनल पब्लिेशर्य हाउस नई दिल्ली
7-   जैन, डॉ. एम.के., शोध विधियाँ, यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन नई दिल्ली, 2006
8-   डॉ. चतुर्भुज मामोरिया भारत का आर्थिक समस्याएँ, साहित्य भवन पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूट्स 2007-08
9-   डॉ. अग्रवाल के.बी.-उद्यमिता विकास।
10-  प्रसाद भगवान-एन्टरप्राइजेज फार वूमेन सोशल वेलफेयर।
11-  डॉ0 तिवारी अंशुजा, डॉ. तिवारी संजय-महिला उद्यमिता, ओमेगा पब्लिकेन्स दिल्ली।
12-  उद्यमिता समाचार पत्र,
13-  मध्यप्रदेश संदेश।
14-  जिला उद्योग केन्द्र द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट, सतना (म.प्र.)
15-  दैनिक समाचार, दैनिक भास्कर, राज एक्सप्रेस, पत्रिका।

Recomonded Articles:

Author(s): विद्युत प्रकाश मिश्रा, अंजुली द्विवेदी

DOI:         Access: Open Access Read More

Author(s): आर. के. तिवारी, रामसहोदर साकेत

DOI:         Access: Open Access Read More

International Journal of Reviews and Research in Social Sciences (IJRRSS) is an international, peer-reviewed journal, correspondence in....... Read more >>>

RNI:                      
DOI:  

Popular Articles


Recent Articles




Tags