ABSTRACT:
प्रस्तुत अध्ययन वर्तमान शिक्षा में मानवीय मूल्यों के समावेश पर आधारित है और यह द्वितीयक आंकड़ो से लिया गया है। वर्तमान समाज में पत्रिका का झस हमारी शिक्षा के लिए एक प्रमुख चुनौती है, जिसे स्वीकार करके शिक्षा को ही लोकतंत्र का विकास करना होगा और शिक्षा में सुधार द्वारा ही इन लोकतंत्र के हां को हासिल किया जा सकता है । कुशिक्षा स्वयं के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी है। मूलतः शिक्षा में शिवत्व पर बल देना चाहिए। मूल्य शिक्षा का महत्व जिज्ञासा जगाने और राजनेताओं और हितों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । यह आगे कौशल विकास में मदद करता है। इसके अलावा जब लोग समाज और अपने जीवन में मूल्य शिक्षा का अध्ययन करते हैं तो वे अपने लक्ष्य और जुनून के प्रति अधिक उत्सुक और भागीदार होते हैं। शिक्षा का मुख्य लक्ष्य व्यावहारिक जीवन में लोकतंत्र का समावेश है। इससे एक ओर हमारी समृद्ध वनस्पतियों को भी गति मिलती है। पत्रिका में आस्था होगी तो ज्योतिष व्यवहार भी मूल्यनिष्ठ होगा। हम सभी शिक्षक, संबद्ध संबंध बच्चों से हैं, यह जानते हैं कि आपके मूल्य में क्या वृद्धि होती है। मानवता में मूल्यपरक विषय सम्मिलित करते हैं, शिक्षार्थी का सर्वांगीण विकास करना - मूल्यपरक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।
Cite this article:
कुबेर सिंह गुरुपंच. वर्तमान शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(4):197-0. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00033
Cite(Electronic):
कुबेर सिंह गुरुपंच. वर्तमान शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समावेश. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(4):197-0. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00033 Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-4-3
संदर्भ ग्रंथ:-
1. http://ijariie.com
2. https://shikshansanshodhan.researchculturesociety.org
3. https://highereducation.mp.gov.in
4. https://leverageedu.com
5. https://translate.google.com.