Author(s):
रजनी,
Email(s):
Email ID Not Available
DOI:
Not Available
Address:
श्रीमती रजनी
पी-एच.डी. (शोधकत्र्री), शिक्षा विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
’ब्वततमेचवदकपदह ।नजीवत म्.उंपसरू तंरदपे49/हउंपसण्बवउ
Published In:
Volume - 6,
Issue - 2,
Year - 2018
ABSTRACT:
समाज विभिन्न धर्म, जाति, संस्कृति, सम्प्रदाय के लोगों के समूह से मिलकर बना है। भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के समानता प्रदान की गई है। परन्तु आज भी समाज में कई वर्गों को असमानता का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें समाज के केन्द्र से हाशिये की तरफ धकेला जा रहा है। जिसे सीमांत वर्ग के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह एक ऐसा वर्ग है जो भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान व गरिमा से विपुल है। प्रस्तुत पेपर के माध्यम से यह समझने का प्रयास किया जाएगा कि सीमांत वर्ग में किन-किन व्यक्तियों एवं समूहों को वर्गीकृत किया जाता है? इनके शैक्षिक रूप से पिछड़ेपन के क्या कारण है? एवं सरकार द्वारा सीमांत वर्ग के शैक्षणिक सुधार के क्या-क्या कदम उठाए गए हैं?
Cite this article:
रजनी. सीमान्त वर्ग में शिक्षा के स्वरूप का अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2): 133-140 .
Cite(Electronic):
रजनी. सीमान्त वर्ग में शिक्षा के स्वरूप का अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2): 133-140 . Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-2-8