ABSTRACT:
भारतीय नारी का विकास काफी धीमा हैं। आधुनिक भारत में नारियो की शिक्षा का पर्याप्त विकास हो गया हैं। किन्तु इस पुरूष प्रधान समाज में आज भी नारी को बराबरी का दर्जा देने में सुगबुगाहट हैं। यही नही समाज की रूढिवादी परम्परावादी एवं कम पढी - लिखीनारियो के विचारो में कुछ विशेष परिवर्तन आज भी नया नही आता हैं। नारियो के केवल एक तबके में आया परिवर्तन पूर्ण समाज की नारियो का परिवर्तन कहना अत्यंत अतिशयोक्ति ही हैं। गरीब में पुरूषो की आपेक्षा रोजी कमाने वाली नारियो की संख्या ही बढी हैं।
Cite this article:
S.K. Agrawal, V. Sengupta. घरों मे पलती हिंसा के चक्रब्यूह में महिलाऐ: समाजशास्त्रीय अध्ययन (जिला जांजगीर चांपा के रेलवे कालोनी की महिलाओं के विशेष संदर्भ में ). Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(1):Page 71-74 .