Author(s):
ममता वर्मा, नीलम अग्रवाल
Email(s):
Email ID Not Available
DOI:
Not Available
Address:
ममता वर्मा1, नीलम अग्रवाल2
1शोधार्थी, अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.).
2विभागाध्यक्ष, अर्थशास्त्र शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, महासमुंद (छ.ग.
’ब्वततमेचवदकपदह ।नजीवत म्.उंपसरू अमतउं88उंउजं/हउंपसण्बवउ
Published In:
Volume - 6,
Issue - 2,
Year - 2018
ABSTRACT:
शोध पत्र में सार्क देशों के मध्य महिला सशक्तिकरण पर वैश्वीकरण के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। जिसके अंतर्गत सार्क देशों में महिला सशक्तिकरण एवं जी.डी.पी. की वृद्धि दर का विश्लेषण किया गया है। सर्वप्रथम जी.डी.पी. (साधन लागत पर) वृद्धि दर जिसमें सार्क देशों को सम्मिलित किया गया है एवं आंकड़े 2012 से 2016 तक दर्शायी गयी है, द्वितीय भाग में महिला एवं सशक्तिकरण की सार्क देशों में महिला प्रमुख परिवार एवं देश की संसद में महिलाओं का प्रतिशत से संबंधित 2012 से 2016 तक की आंकड़ों को लिपिबद्ध किया गया है। सार्क संगठन का उद्देश्य दक्षिण एशिया के लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए जीवन की उनकी गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए इस क्षेेत्र में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति और सांस्कृतिक विकास में तेजी लाने और सभी व्यक्तियों को स्वाभिमान के साथ रहने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने का अवसर प्रदान करने के लिए, आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, सामाजिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सक्रिय सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है।
Cite this article:
ममता वर्मा, नीलम अग्रवाल. सार्क देशों के मध्य महिला सशक्तिकरण पर वैश्वीकरण का प्रभाव: एक तुलनात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2): 165-168 .
Cite(Electronic):
ममता वर्मा, नीलम अग्रवाल. सार्क देशों के मध्य महिला सशक्तिकरण पर वैश्वीकरण का प्रभाव: एक तुलनात्मक अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2018; 6(2): 165-168 . Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2018-6-2-13