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वीरेश कुमार पाण्डेय, लेखराम डेहरिया
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डाॅ. वीरेश कुमार पाण्डेय1, लेखराम डेहरिया2
1प्राध्यापक (अर्थशास्त्र), शास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना (म.प्र.).
2शोधार्थी (अर्थशास्त्र), शास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सतना (म.प्र.).
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 8,
Issue - 3,
Year - 2020
ABSTRACT:
महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य एक ऐसी सामाजिक प्रक्रिया से हैं जिसमें महिलाओं के लिए सर्वसम्पन्न और विकसित होने हेतु संभावनाओं के द्वारा खुले नए विकल्प तैयार हों। महिलाएँ समाज के लगभग आधे भाग का प्रतिनिधित्व करती हैं। हमारा समाज मूल रूप से पुरूष प्रधान रहा है। पहले महिलाओं के पास किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता न होने के कारण उसकी सामाजिक व पारिवारिक स्थिति एक पराश्रित से अधिक नहीं थी। जिसे हर कदम पर एक पुरूष के सहारे की जरूरत होती थी। वैसे तो आजादी के बाद से ही महिला उत्थान के उद्देश्य से विभिन्न प्रयास किये जाते रहें है। लेकिन पिछले कुछ वर्षो में महिला सशक्तिकरण की कार्य में तेजी आयी है। इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरूप महिलाओं के आत्म विश्वास में बढ़ोत्तरी हुयी है। वे किसी भी चुनौती को स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार करने लगी है। एक ओर जहाॅ केन्द्र व राज्यों की सरकारें महिला उत्थान की नई-नई योजनायें बनाने लगीं है। वहीं कई गैर सरकारी संगठन भी उनके अधिकारों के लिये उनकी आवाज बुलन्द करने लगें है। महिला में ऐसी प्रबल भावना को उजागर करने का प्रयास भी किया जा रहा है। कि वह अपने अन्दर छिपी हुई ताकत को सामने लाकर बिना किसी सहारे के आने वाली हर चुनौती का सामना कर सकें। सृष्टि की उत्पत्ति एवं सभ्यता के विकास में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। पुराणों के अनुसार चाहे धर्म की रक्षा हो या उसकी पुर्नस्थापना इन सभी कार्यो को आदि शक्ति माॅ जगदम्बा ने ही पूर्ण किया है। सीता, सावित्री के धर्मपालन को आज भी आदर्श के रूप में समाज में माना जाता है। रानी लक्ष्मीबाई, मदरटेरेसा के वीरता बलिदान तथा सेवा की मिशालें आज भी हमारे जीवन को एक दिशा प्रदान करती है। महिलाए कई रूपों में जीवन व्यतीत करते हुए एक सभ्य एवम् सुसंस्कृत समाज की निर्माण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वह कभी बेटी के रूप में कभी बहन के रूप में तो कभी पत्नी एवम् प्रेमिका के रूप में कभी माॅ के रूप में समाज को विकसित एवं परिमार्जित करने का अथक प्रयास करती रहती है।
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वीरेश कुमार पाण्डेय, लेखराम डेहरिया. महिला सशक्तिकरण की वर्तमान स्थिति: राजनैतिक सशक्तिकरण के परिपेक्ष्य में (सिवनी जिले के विशेष संदर्भ में). Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(3):153-160.
Cite(Electronic):
वीरेश कुमार पाण्डेय, लेखराम डेहरिया. महिला सशक्तिकरण की वर्तमान स्थिति: राजनैतिक सशक्तिकरण के परिपेक्ष्य में (सिवनी जिले के विशेष संदर्भ में). Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(3):153-160. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2020-8-3-2
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