ABSTRACT:
आज आधुनिकता का मानव जीवन से सीधा संबंध है। समय के बदलते परिवेश के साथ मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं में भी परिवर्तन किया, यही परिवर्तन धीरे-धीरे आधुनिकता का रूप लेने लगी। जहाँ तक भारत में ‘आधुनिकता’ का प्रश्न है, वह गुलामी के समय से ही प्रारंभ हो गया था। जब अंग्रेज इस देश को अपने अधीन कर अपनी पश्चिमी सभ्यता की परतें इस देश के ऊपर जमाने लगे थे। आजादी के बाद देश में तीव्र गति से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक क्षेत्र में परिवर्तन हुआ। लोगों में जागरूकता बढ़ी, शिक्षा के स्तर में परिवर्तन हुआ। औद्योगीकरण की प्रणालियाॅ विकसित हुई, संचार एवं आवागमन के साधनों में विकास हुआ। आज का युग संचार युग है बिना संचार के सामाजिक जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। यद्यपि संचार का इतिहास उतना ही पुराना है जितना मानव, परन्तु संचार के क्षेत्र में प्रगति कुछ सौ वर्ष पूर्व और क्रांति बीसवीं सदी की ही देन है। प्रस्तुत शोध पत्र में आधुनिकीकरण पर जनसंचार के माध्यमों को परिभाषित करते हुए संचार क्रांति के विविध पक्षों एवं प्रभावों का वर्णन एवं विश्लेषण किया गया है एवं निष्कर्ष निकाला गया है कि संचार क्रांति ने इलेक्ट्राॅनिक मीडिया को विशेष रूप से प्रभावित किया है और इसका प्रभाव विश्वव्यापी है।
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प्रीति परमार. आधुनिकरकरण पर जनसंचार के माध्यमों का प्रभाव एक समाज शास्त्रीय अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):491-496. doi: Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):491-496.
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प्रीति परमार. आधुनिकरकरण पर जनसंचार के माध्यमों का प्रभाव एक समाज शास्त्रीय अध्ययन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):491-496. doi: Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):491-496. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-2-36