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देवेन्द्र कुमार, अब्दुल सत्तार, गैंद दास मानिकपुरी
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डाॅ. देवेन्द्र कुमार1, डाॅ. अब्दुल सत्तार2, श्री गैंद दास मानिकपुरी3
1प्राध्यपाक, कंिलंगा विष्वविद्यालय, नया रायपुर.
2विभागाध्यक्ष, कमला नेहरू महाविद्यालय, कोरबा.
3सहायक प्राध्यपक, समाधान महाविद्यालय, बेमेतरा.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 8,
Issue - 4,
Year - 2020
ABSTRACT:
शिक्षा व्यक्ति के सर्वागिण विकास समाज की चतुर्मुखी उन्नति और सभ्यता की बहुमुखी प्रगति की आधारषिला हैं। षिक्षा को मनुष्य का तीसरा नेत्र माना जाता है। षिक्षा का प्रकाष व्यक्ति के सब शंसयों का उन्मूलन और उनकी सब बाधाओं का निवारण करता है। षिक्षा से प्राप्त अन्र्तदृष्टि व्यक्ति को संपन्न करती है। उनके सुयष, सुख, और समृद्धि में योगदान देती है और उसे भवसागर को पार करके मोक्ष प्राप्ति में सहायता देती है।
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देवेन्द्र कुमार, अब्दुल सत्तार, गैंद दास मानिकपुरी. ग्रामीण महिला स्वसहायता समूह में कार्यरत् निरक्षर एवं साक्षर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं नेतृत्व करने की क्षमता के विकास में षिक्षा की भूमिका का अध्ययन (रायपुर जिले के विषेष संदर्भ में). Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(4):279-287.
Cite(Electronic):
देवेन्द्र कुमार, अब्दुल सत्तार, गैंद दास मानिकपुरी. ग्रामीण महिला स्वसहायता समूह में कार्यरत् निरक्षर एवं साक्षर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने एवं नेतृत्व करने की क्षमता के विकास में षिक्षा की भूमिका का अध्ययन (रायपुर जिले के विषेष संदर्भ में). Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2020; 8(4):279-287. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2020-8-4-11
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