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आर. प्रसाद, रजिन्दर कौर
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डाॅ. आर. प्रसाद1, डाॅ. रजिन्दर कौर2
1निर्देशक (अर्थशास्त्र), कुलपति, सन्त गहिरा गुरू विष्वविद्यालय सरगुजा, अमबिकापुर (छ.ग.)
2अतिथि व्याख्याता (अर्थशास्त्र), स्व. ठाकुर महाराज सिंह कला एवं विज्ञान महाविद्यालय, थाना खम्हरिया जिला-बेमेतरा (छ.ग.)
2शोध छात्रा, पं रविषंकर शुक्ल विष्वविद्यालय, रायपुर (छ.ग.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
इस अध्ययन का मुख्य पक्ष है महिला विकास अतः महिला विकास का तात्पर्य जानना अत्यंत आवश्यक है। महिला विकास से यहां तात्पर्य केवल महिलाओं पर किये जाने वाले सरकारी व्ययों की राशि में वृद्धि से ही नहीं है जैसा कि सामान्यतया माना जाता है अपितु उसके माध्यम से महिला वर्ग जीवन पर पड़ने वाले वास्तविक दृश्य तथा अदृश्य प्रभावों से लिया गया है। महिला विकास के प्रमुख मापक है। महिलाओं के प्रति समाज के दृष्टिकोण में परिवर्तन महिलाओं में स्वयं की स्थिति में सुधार व विकास हेतु चेतना जागृत होना उनका स्वयं के जीवन के प्रति आशावादी दृष्टिकोण उनकी साक्षरता स्वास्थ्य पोषण रोजगार विषक्षण प्रतिक्षण विवाह के प्रति दृष्टिकोण उनकी विचारधारा विभिन्न अंधविश्वासों, परम्पराओं व रूढ़ियों के प्रति उनकी भावनाओं में परिवर्तन राजनीतिक व आर्थिक क्षेत्रों में उनकी रूची का प्रर्दुभाव स्वयं को उबला के स्थान पर सबला समक्ष पानें तथा शोषण के विरूद्ध आवाज उठानें की प्रवृत्ति का बीजारोपण जीवन के हर क्षेत्र व हर पहलू के प्रति उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण की उत्पत्ति तथा उनकी जागरूकता के कारण समाज की अनेक विकारपूर्ण स्थितियों का विघटन है ।
Cite this article:
आर. प्रसाद, रजिन्दर कौर. छत्तीसगढ़ में महिला विकास कार्यक्रमों का ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास पर पड़ने वाले प्रभावों का अनुशीलन- बेमेतरा जिला के संदर्भ में. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):39-43.
Cite(Electronic):
आर. प्रसाद, रजिन्दर कौर. छत्तीसगढ़ में महिला विकास कार्यक्रमों का ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक विकास पर पड़ने वाले प्रभावों का अनुशीलन- बेमेतरा जिला के संदर्भ में. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):39-43. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-7