ABSTRACT:
किसी भी समाज का विकास उस देश, राज्य या क्षेत्र के प्रतिनिधित्व करने वाले व्यक्तियों के कुशल नेतृत्व पर निर्भर करता है नेतृत्वकर्ता की बौद्धिक एवं राजनीतिक क्षमता राज्य को प्रगति की ओर ले जा सकती है। उचित नेतृत्व के अभाव में समाज का विकास संभव नहीं है। जनसामान्य की सारी आशाएं एवं उम्मीदें नेतृत्वकर्ता पर होती है। अपना प्रतिनिधि या नेतृत्वकर्ता चूनने का विधि को निर्वाचन कहते हैं जिसमें मतदान कर अपना प्रतिनिधि जनता द्वारा चूना जाता है। अतः यह कहा जा सकता है कि किसी देश या राज्य के कुशल संचालन हेतु एक कर्मठ, बुद्धिमान एवं सहनशील नेतृत्व की आवश्यकता होती है। एक सफल नेतृत्वकर्ता के चुनाव के लिए देश अथवा राज्य में एक बेहतर निर्वाचन व्यवस्था का होना अतिआवश्यक है।
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अनुराग श्रीवास्तव. भारत में निर्वाचन प्रणाली . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):193-198.
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अनुराग श्रीवास्तव. भारत में निर्वाचन प्रणाली . Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):193-198. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-35