Author(s):
अनूप यादव, प्रमोद तिवारी
Email(s):
anoopyadav9190@gmail.com , pktiwari61@gmail.com
DOI:
Not Available
Address:
अनूप यादव1, डाॅ. प्रमोद तिवारी2
1जे.आर.एफ., शोध छात्र, भूगोल विभाग, नागरिक पी.जी. काॅलेज, जंघई, जौनपुर, उत्तर प्रदेष.
2प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, नागरिक पी.जी. काॅलेज, जंघई, जौनपुर, उत्तर प्रदेष.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 9,
Issue - 1,
Year - 2021
ABSTRACT:
प्रवसन मानव समाज की मूल प्रवृत्ति है। मानव आदिकाल से ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर भोजन, वस्त्र, जल, आवास आदि के लिए या कह सकते हैं अवसर की प्राप्ति के लिए जाता रहा है। प्रस्तुत शोध प्रपत्र में मानव के प्राचीन काल से वर्तमान समय तक के प्रवसन की प्रवृत्ति, विषेषकर भारत के सन्दर्भ में अध्ययन किया है, भारत में ब्रिटिष काल से आजादी के समय तक तथा आजादी के बाद के प्रवसन के कारण एवं परिणाम का अध्ययन किया गया है, इसके साथ ही प्रवसन की वर्तमान प्रवृत्ति भी अध्ययन किया गया है।
Cite this article:
अनूप यादव, प्रमोद तिवारी. भारत में प्रवसन एवं प्रवसन की अभिनव प्रवृत्ति. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2021; 9(1):45-47.
Cite(Electronic):
अनूप यादव, प्रमोद तिवारी. भारत में प्रवसन एवं प्रवसन की अभिनव प्रवृत्ति. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2021; 9(1):45-47. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2021-9-1-8
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