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अंशु गौड़
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डॉ. अंशु गौड़
गेस्ट लेक्चरर, ऑल्टियस इंस्टिट्यूट ऑफ़ यूनिवर्सल स्टडीज, इंदौर (म.प्र.)
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 7,
Issue - 1,
Year - 2019
ABSTRACT:
धरातल पर बहने वाली जल की धारा नदी कहलाती है।नदियों की भूमिका हमारे जीवन में कितनी महत्वपूर्ण है यह सर्व विदित है।हमारे दैनिक जीवन से लेकर सामाजिक जीवन तथा आर्थिक जीवन में भी नदियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इसका प्रवाह धरती पर जीवन निर्धारित करता है।अतः इनका संरक्षण जरुरी है। आज भारत की दो ही तस्वीरें दिखाई देती है जल के आधार पर-पहली प्रदूषित, विलुप्तप्राय दम तोड़ती नदियाँ और दूसरी हमारे हाथों में नहीं आँखों में पानी। महिलाएँ जल की प्रमुख उपयोग कर्ता होती है। वे खाना पकाने, धोने, परिवार की स्वच्छता सफाई के लिए जल प्रयोग करती है। जल प्रबंधन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। अतः आज के वर्तमान समय में विश्व, राष्ट्र, राज्य व् गांव स्तर पर महिलाएं भी जल संरक्षण में भूमिका निभा रही है।राष्ट्रिय स्तर पर हमें गंगा नदी को लेकर उमा भारती का कार्य, नर्मदा नदी को लेकर मेघा पाटकर का नाम मिलता है।महाराष्ट्र के रायगढ़ में उल्का महाजन का कार्य उल्लेखनीय है।
Cite this article:
अंशु गौड़. जल संरक्षण और महिलाएं. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):225-226.
Cite(Electronic):
अंशु गौड़. जल संरक्षण और महिलाएं. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(1):225-226. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-1-41