ABSTRACT:
समन्वित ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए नियोजन का अभिप्राय क्षेत्रीय ढांचे में कार्यात्मक संगठन के माध्यम से ग्रामीण जीवन में सुधार के लिए एक कार्य योजना की रूप रेखा तैयार करना होता है। प्रस्तुत शोध पत्र में स्थानिक-कार्यात्मक समन्वय के आधार पर ग्रामीण लोगों की सामाजिक-आर्थिक दशाओं के आधार पर ग्रामीण लोगों की सामाजिक-आर्थिक दशाओं को सुधारने के लिए एक व्यवस्था के रूप में अनुसंधान से संबंधित है। अध्ययन क्षेत्र जनपद जौनपुर अन्य जनपदों की भाँति भोजन, वस्त्र, गृह, शिक्षा तथा रोजगार जैसी समस्याओं से ग्रस्त है। नियोजन के माध्यम से वर्तमान समय में एवं भविष्य में भी स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हुए अधिकतम् लोगों को लाभान्वित कर सम्पूर्ण ग्राम्य विकास को सुनिश्चित किया जा सकता है। उपर्युक्त परिप्रेक्ष्य में ही प्रस्तुत शोध पत्र के अन्तर्गत समन्वित ग्राम्य विकास नियोजन का अध्ययन किया गया है। जिसके लिए द्वितीय तथा तृतीय स्रोत से प्राप्त आँकड़ों का प्रयोग एवं सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक तथ्यों को स्पष्ट करने के लिए क्षेत्र के भौतिक तथा सांस्कृतिक मानचित्रों व तालिकाओं का प्रयोग यथास्थान पर हुआ है। प्र्रस्तुत शोध पत्र व्याख्यात्मक एवं विश्लेषणात्मक अनुसंधान पर आधारित है।
Cite this article:
रोहित चैरसिया, महीप चैरसिया. जौनपुर जनपद (उ.प्र.) का समन्वित ग्राम्य विकास नियोजन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2021; 9(1):13-17.
Cite(Electronic):
रोहित चैरसिया, महीप चैरसिया. जौनपुर जनपद (उ.प्र.) का समन्वित ग्राम्य विकास नियोजन. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2021; 9(1):13-17. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2021-9-1-4
संदर्भ सूचीः-
1. कुमार, रतन 1999. भूमि उपयोग परिवर्तन एवं नवाचार, शोध प्रबन्ध वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विष्वविद्यालय, जौनपुर पेज नं 32-55
2. कुमार, सुशील 2009, ग्रामीण विकास एवं क्षेत्रीय नियोजन, अर्जुन पब्लिशिंग हाउस, नई दिल्ली, पेज नं. 82-95
3. चैरसिया, महीप, 2018. सामाजिक-आर्थिक रूपांतरण एवं ग्रामीण विकासः जौनपुर जनपद का एक भौगोलिक अध्ययन, स्वीकृत शोध प्रस्ताव वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय, जौनपुर। पे.नं.-3
4.
तिवारी, आर.सी. और सिंह, बी.एन. 2014 कृषि भूगोल, प्रवालिका पब्लिकेषन, प्रयागराज, पेज नं. 142-155
5.
तिवारी, आर.सी.एवं सिंह, बी.एन. 2018, कृषि भूगोल, प्रवालिका पब्लिकेषन, प्रयागराज, पेज नं, 32-42
6.
मौर्या, एस.डी. 2012. मानव एवं आर्थिक भूगोल, शारदा पुस्तक भवन, प्रयागराज, पेज नं. 308-318
7.
सिंह, रवीन्द्र, 2009, जौनपुर (जनपद के ग्रामीण विकास में जैव संसाधनों की भूमिका, शोध प्रबंध, वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विष्वविद्यालय, जौनपुर पेज नं. 42-85
8.
श्रीवास्तव, वीरेन्द्र एवं प्रकाष, जय, 1978. बाजार केंद्रों का पदानुक्रम निर्धारण एक विधितंत्रीय उपागम, उत्तर भारत भूगोल पत्रिका पेज नं0-60
9.
जिला खादी एवं ग्रामोद्योग कार्यालय, जौनपुर
10.
जिला सांख्यिकीय पत्रिका जनपद जौनपुर
11.
जिला हथकरघा कार्यालय, जौनपुरAhmad, Enayat, 1965, Physical, Economical Geography,
Ranchi University Press P. 242
12.
District Census hand Book Jaunpur (2018)
13.
Ojha, R.N. 1996. Geography of Regional
Planning P. 186
14.
Singh, K.N., 1973. Integrated Area
Development Approach in Regional Planning, 'Lecture Summaraj' No. 26, U.G.C.
Advance Level summer Science Institute in Geography, B.H.U., Varanasi, p. 29.
15.
World Bank Collection of development
indicators (2020)