ABSTRACT:
प्रस्तुत उपन्यास में डाॅ. असगर वजाहत ने ‘‘धरा अंकुराई’’ में समकालीन समाज की अभिव्यक्ति को छोटी-छोटी घटनाओं के जरिए प्रस्तुत किया है। उपन्यास में वर्तमान की समीक्षा के साथ जीवन की सार्थकता और प्रासंगिकता को तलाषते हुए लिखी गई यह रचना है। समृद्ध कथानक, कथारस, चरित्रों का अन्तद्र्वन्द, संवादों का सौंदर्य और अंततः जीवन के व्यापक अनुभवों की अभिव्यक्ति इस उपन्यास की महत्वपूर्ण विषेषता है। वजाहत जी की भाषा सहज, सरल, प्रवाह पूर्ण तथा विषय वस्तु के अनुरुप है। इस उपन्यास के माध्यम से व्यक्ति जीवन का अर्थ, समकालीन समाज के यथार्थ को अपने अनुभव से प्रस्तुत करता है। साथ ही लोकतंत्र के विकास के लिए आने वाली समस्याओं को ज्ञान यात्रा के माध्यम से हल करने का नवीनतम स्वरुप विकसित किया है।
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संगीता पाटिल. समकालीन समाज की अभिव्यक्तिः धरा अंकुराई. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):481-485.
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संगीता पाटिल. समकालीन समाज की अभिव्यक्तिः धरा अंकुराई. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):481-485. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-2-34