ABSTRACT:
मध्य प्रदेष आज तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है, जो भौगोलिक रूप से भारत के केन्द्र में स्थित होने के कारण ‘‘हृदय राज्य‘‘ है वहीं भारत देष की कुल अनुसूचित जनजाति जनसंख्या का लगभग 25 प्रतिषत जनसंख्या को साथ लिये हुए चल रहा है। आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो यही जनसंख्या ’’मानव संसाधन‘‘ में परिणित होती है व क्षेत्र विषेष का विकास होता है । मानव संसाधन की गुणवत्ता में सुधार किया जाना अति आवष्यक है और षिक्षा व स्वास्थ्य इसी आयाम के दो पहलू हैं। शोध पत्र के माध्यम से यह अध्ययन इसी तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करता है कि जहाॅ एक ओर ’’विकास‘‘ हमारा मुख्य ध्येय तो वहीं दूसरी ओर यह देखना भी आवष्यक है कि अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में विकास की गति कैसी है विकास के विभिन्न सूचकों में एक - स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति आवष्यकता के अनुरूप कैसी है।
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भावना अभिषेक प्रधान. अनुसूचित जनजाति व चिकित्सिा सुविधाएँ- डिण्डौरी जिले के विषेष संन्दर्भ में. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):555-559.
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भावना अभिषेक प्रधान. अनुसूचित जनजाति व चिकित्सिा सुविधाएँ- डिण्डौरी जिले के विषेष संन्दर्भ में. Int. J. Rev. and Res. Social Sci. 2019; 7(2):555-559. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2019-7-2-46