Author(s):
अनूप यादव, प्रमोद कुमार तिवारी
Email(s):
anoopyadav9190@gmail.com , pktiwari61@gmail.com
DOI:
Not Available
Address:
अनूप यादव1, डाॅ. प्रमोद कुमार तिवारी2
1जे.आर.एफ. शोध छात्र, भूगोल विभाग, नागरिक पी.जी., काॅलेज, जंघई, जौनपुर, उ0प्र0.
2एसो.प्रो. एवं विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, नागरिक पी.जी., काॅलेज, जंघई, जौनपुर, उ0प्र0.
*Corresponding Author
Published In:
Volume - 10,
Issue - 3,
Year - 2022
ABSTRACT:
भूमि सम्पूर्ण जीव जगत के जीवन का आधार एवं भौतिक संसाधनों का आधार है। प्राकृतिक संसाधनों में भूमि अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। प्राथमिक आवष्यकताओं की पूर्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसी संसाधन से होती हैं। मनुष्य की प्रारम्भिक अवस्था अथवा खाद्य संग्राहक व्यवस्था के बाद मानव सभ्यता के विकास के प्रथम सोपान से लेकर वर्तमान तक अनेकानेक वैज्ञानिक उपलब्धियों एवं तकनीक सुविधाओं से सम्पन्न मानव सभ्यता के मूल में भी भूमि का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। किसी स्थान विषेष की भूमि उपयोग की अवस्थायें उस क्षेत्र विषेष की तत्कालिक, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक व्यवस्था को द्योतक है। (पाण्डेय एस.के. पृ. 59) भूमि उपयोग एक गत्यामक पहलू है, जो भौतिक दषाओं में परिवार तथा मानव के सामाजिक-आर्थिक विकास, वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति के अनुरूप परिवर्तित, परिष्कृत एवं वारिमार्जित होता रहा है। यही कारण हंै कि किसी भी क्षेत्र का भूमि उपयोग उस क्षेत्र में निवास करने वाले मानव की बौद्धिक क्षमता तथा आर्थिक-सामाजिक एवं राजनीतिक विकास स्तर का सूचक होते हैं प्रस्तुत शोध पत्र में भूमि के उपयोग एवं दूरप्रयोग को दर्षाया गया है। भूमि संसाधन के संतुलित विकास को ध्यान में रखकर वर्तमान एवं भविष्य के लिए भावी रणनीति भी बनाया गया हैं।
Cite this article:
अनूप यादव, प्रमोद कुमार तिवारी. खजनी ब्लाॅक: जनपद गोरखपुर (उ0प्र0) में भूमि उपयोग का वर्तमान प्रतिरूप. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2022; 10(3):101-6.
Cite(Electronic):
अनूप यादव, प्रमोद कुमार तिवारी. खजनी ब्लाॅक: जनपद गोरखपुर (उ0प्र0) में भूमि उपयोग का वर्तमान प्रतिरूप. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2022; 10(3):101-6. Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2022-10-3-3
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