Author(s): संध्या साहू, जयसिंग साहू अनिल कुमार मिश्रा

Email(s): sandhyasahuwe@gmail.com

DOI: 10.52711/2454-2687.2024.00016   

Address: संध्या साहू1, जयसिंग साहू2, अनिल कुमार मिश्रा3
1षोध छात्रा भूगोल-विभाग, शासकीय दिग्विजय स्वषासी स्नातकोŸार महा. राजनांदगाँव (छ.ग.)
2सहा. प्राध्यापक भूगोल, शासकीय कमलादेवी राठी महिला स्नातकोŸार महा. राजनांदगाँव (छ.ग.)
3सहा. प्राध्यापक भूगोल, शास. विष्वनाथ यादव तामस्कर स्वषासी स्नातकोŸार महा. दुर्ग (छ.ग.)
*Corresponding Author

Published In:   Volume - 12,      Issue - 2,     Year - 2024


ABSTRACT:
देष में लघु वनोपज संग्रहण में राज्य का प्रमुख स्थान हैं। छŸाीसगढ़ के जनजातियों की आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत लघु वनोंत्पाद हैं। राजनांदगाँव जिला के जनजातियों की अधिकांष आबादी वन क्षेत्रों में रहती है एवं गैर-लकड़ी वन उत्पादों पर अपनी आजीविका और आय सृजन के लिए काफी हद तक निर्भर हैं जो जनजातीय समुदाय के लिए निर्वाह और नकदी आय का एक बड़ा स्रोत हैं। लघु वनोपज में पौधें मूल के सभी गैर-काष्ट उत्पाद आते हैं। जिसका उपयोग खाद्य, पेय एवं औंषधीय पदार्थ के रुप में होता हैं, इस कारण जनजातियों के जीवन में लघु वनोपज का सामाजिक एवं आर्थिक महत्व बढ़ जाता हैं। ग्रामीण आदिवासी प्राथमिक कार्य में संलग्न हैं एवं ग्रामीण आदिवासी कृषि के साथ पूर्णतः जंगलों पर निर्भर रहते हैं तथा जंगल जीवन जीने का एक सहारा हैं। आदिवासियों की अधिकांष आबादी वन क्षेत्रों में निवासित हैं और ये लोग जंगलों में कई दषक से लघु वनोपज इकट्टा करते आ रहे हैं। पहले जनजातीय वनोपज अपने जरूरत के लिए इकट्टा करते थे लेकिन वर्तमान समय में लघु वनोपज की माँग देष-विदेष में होने के कारण इसकी बाजार माँग अधिक होती हैं, जिससे इन्हे वनोपज का निर्धारित पैसे मिल रहे हैं। आदिवासियों के जीवन का पूरा समय जंगलों में गुजरता हैं। महुआ को मुख्य रूप से शराब के लिए जाना जाता हैं। इससे आदिवासी द्वारा देषी शराब बनाया जाता हैं। राजनांदगाँव जिला में संग्रहित किये जाने वाले वनोपजों में महुआ फूल का महत्वपूर्ण योगदान हैं।


Cite this article:
संध्या साहू, जयसिंग साहू अनिल कुमार मिश्रा. जनजातियों की आजीविका में महुआ का योगदान राजनांदगाँव जिला, छत्तीसगढ़ के विषेष संदर्भ में. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(2):97-3. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00016

Cite(Electronic):
संध्या साहू, जयसिंग साहू अनिल कुमार मिश्रा. जनजातियों की आजीविका में महुआ का योगदान राजनांदगाँव जिला, छत्तीसगढ़ के विषेष संदर्भ में. International Journal of Reviews and Research in Social Sciences. 2024; 12(2):97-3. doi: 10.52711/2454-2687.2024.00016   Available on: https://ijrrssonline.in/AbstractView.aspx?PID=2024-12-2-3


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